महाराष्ट्र में अजित पवार ने बढ़ाई BJP की मुश्किलें, इतनी सीटों की रख दी डिमांड जिसे पूरा करना आसान नहीं
Maharashtra Assembly Election 2024: शरद पवार से बगावत करने के बाद एनसीपी में अपना अलग गुट बनाने वाले अजित पवार की निगाहें राज्य की 80-90 विधानसभा सीटों पर लगी हुई हैं।
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी हलचल लगातार तेज होती जा रही है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है और सभी दलों की निगाहें अब सीट बंटवारे पर लगी हुई हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बड़ा पेंच फंसा हुआ है और तीनों प्रमुख दलों भाजपा, शिवसेना का शिंदे गुट और अजित पवार गुट की निगाहें ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने पर लगी हुई हैं।
शरद पवार से बगावत करने के बाद एनसीपी में अपना अलग गुट बनाने वाले अजित पवार की निगाहें राज्य की 80-90 विधानसभा सीटों पर लगी हुई हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करके सीट बंटवारे को जल्द से जल्द आखिरी रूप देने की मांग की है। अजित पवार गुट की इतनी भारी डिमांड को पूरा कर पाना भाजपा के लिए नामुमकिन माना जा रहा है। इसे लेकर आने वाले दिनों में खींचतान और तेज होने की आशंका जताई जा रही है।
अजित पवार ने रखी 80-90 सीटों की डिमांड
जानकार सूत्रों का करना है कि अमित शाह से मुलाकात के दौरान अजित पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे का मुद्दा आखिरी वक्त तक टाला नहीं जाना चाहिए। उनका कहना था कि लोकसभा चुनाव के दौरान इस कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा। इसलिए विधानसभा चुनाव के दौरान जल्द से जल्द सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाए। जानकारों का कहना है कि अजित पवार की निगाहें महाराष्ट्र की 80-90 विधानसभा सीटों पर लगी हुई हैं और उन्होंने इस बाबत भी अमित शाह से चर्चा की है।
अमित शाह से अजित पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस भी दिल्ली पहुंचे। उन्होंने भी अमित शाह से राज्य के सियासी हालात और सीट बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा की। हालांकि दोनों नेताओं ने इस मुलाकात के बाद कोई बयान नहीं दिया है।
भाजपा और शिंदे गुट पीछे हटने को तैयार नहीं
दरअसल महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में सीटों को लेकर खींचतान काफी तेज होती दिख रही है। भाजपा की कोर कमेटी की बैठक के दौरान पार्टी नेताओं की ओर से मांग रखी गई थी कि राज्य में भाजपा को 170-180 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। भाजपा नेताओं का कहना था कि हम सबसे बड़े राजनीतिक दल हैं। इसलिए पार्टी को इससे कम सीटों पर समझौता नहीं करना चाहिए। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं।
दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाला गुट भी झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है। शिंदे गुटके वरिष्ठ नेता राम कदम का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य की 100 विधानसभा सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी। ऐसे में सीट बंटवारे का मुद्दा काफी गंभीर हो गया है।
लागू हो सकता है 2019 का फॉर्मूला
सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि सीट बंटवारे के लिए 2019 वाला फॉर्मूला लागू किया जा सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा 164 सीटों पर चुनाव लड़ी थी मगर उस समय भाजपा के साथ सिर्फ उद्धव ठाकरे थे। अबकी बार भाजपा को अजित पवार और शिंदे गुट दोनों के साथ सीट बंटवारा करना है। यही कारण है कि सीट बंटवारे का मामला काफी पेचीदा हो गया है।
अजित पवार के कई करीबी नेताओं ने हाल में उनकी पार्टी छोड़कर शरद पवार गुट का दामन थाम लिया था। इस कारण वे अपने ज्यादा से ज्यादा करीबी नेताओं को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं मगर भाजपा की ओर से उन्हें अभी तक कोई पक्का आश्वासन नहीं मिल सका है।