Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे बढ़ा रहे शरद पवार और कांग्रेस की टेंशन,चुनाव से पहले सीएम पद की दावेदारी पर अड़े

Maharashtra Politics: सियासी जानकारों का मानना है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीएम फेस का यह मुद्दा सुलझाना आसान साबित नहीं होगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-08-19 10:11 IST

Maharashtra Politics (Pic: Newstrack)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने वाला है और ऐसे में जल्द ही चुनाव आयोग की ओर से राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर खींचतान बढ़ती हुई दिख रही है।

विपक्षी गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी खींचतान बढ़ गई है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भीतर मुख्यमंत्री पद का मोह अभी छूटा नहीं है। वे चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री फेस घोषित करवाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस और एनसीपी का शरद पवार गुट इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है। ऐसे में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीट बंटवारे से पहले मुख्यमंत्री फेस को लेकर ही तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है।

इसी खींचतान में टूटा था 2019 में गठबंधन

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भी मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी खींचतान हुई थी। इस खींचतान के कारण भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन भी टूट गया था। एक ओर भाजपा सबसे बड़े पार्टी होने के आधार पर अपना मुख्यमंत्री चाहती थी तो दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री पद को लेकर अपना दावा ठोक दिया था। इसी कारण आखिरकार दोनों दलों का गठबंधन भी टूट गया था।

बाद में ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था। इन दोनों दलों ने मुख्यमंत्री पद पर उद्धव ठाकरे को समर्थन दिया था। अब विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है।

फैसला होने पर ही तेज होगा चुनाव अभियान

विपक्षी गठबंधन में अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है, जबकि उद्धव ठाकरे का कहना है कि चुनाव अभियान तभी तेज हो पाएगा जब गठबंधन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर फैसला कर लेगा। 16 अगस्त को महाविकास अघाड़ी गठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी जिसमें चुनाव की रणनीति को लेकर गहन मंथन किया गया था।

इस बैठक में उद्धव ठाकरे के अलावा शरद पवार, नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, सुप्रिया सुले, बालासाहेब थोराट और आदित्य ठाकरे जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे। इन दिग्गज नेताओं की मौजूदगी के बावजूद मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका।

उद्धव की मांग पर कांग्रेस और शरद पवार सहमत नहीं

बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने सीएम फेस को लेकर ऐलान किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सीएम फेस का फैसला संख्या के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करने पर सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे की सीटों को काटने की कोशिश में जुट जाएंगे। इससे सत्तारूढ़ खेमे को फायदा मिलेगा उनका कहना था कि सीएम फेस के ऐलान के बाद ही चुनाव में आगे बढ़ना उचित रहेगा।

दूसरी ओर एनसीपी के मुखिया शरद पवार और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उद्धव ठाकरे की इस मांग का समर्थन नहीं किया। उनका कहना था कि पहले सभी दलों को मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन की जीत सुनिश्चित करनी चाहिए और उसके बाद ही मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला किया जाना चाहिए। पृथ्वीराज चव्हाण का कहना था कि जिस दल की सीटें सबसे ज्यादा होंगी, उसके नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। ऐसे में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बैठक में कोई फैसला नहीं किया जा सका।

सीएम फेस को लेकर बढ़ रही है खींचतान

दरअसल उद्धव ठाकरे के भीतर मुख्यमंत्री पद का मोह अभी तक बना हुआ है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली यात्रा के दौरान भी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान भी उन्होंने सीएम फेस घोषित किए जाने की मांग की थी। उद्धव ठाकरे चुनाव से पहले ही खुद को सीएम फेस घोषित करने के लिए दबाव बना रहे हैं मगर कांग्रेस और शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं।

इस कारण सीट बंटवारे से पहले सीएम फेस को लेकर ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन में खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। सियासी जानकारों का मानना है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीएम फेस का यह मुद्दा सुलझाना आसान साबित नहीं होगा।


Tags:    

Similar News