Maharashtra: उद्धव गुट ने पार्टी के नाम और सिंबल की लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी, जल्द फैसला करने की मांग

Maharashtra Politics: चुनाव आयोग की ओर से उठाए गए कदमों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में उद्धव ने शिंदे गुट पर निशाना साधने के साथ ही चुनाव आयोग को भी घेरा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-10-10 09:30 IST

उद्धव ठाकरे (फोटो: सोशल मीडिया )

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नाम और चुनाव निशान धनुष-बाण को फ्रीज किए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए हैं। आयोग की तरफ से पार्टी के नाम और सिंबल के तीन-तीन विकल्प मांगे जाने के बाद उद्धव गुट ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। उद्धव गुट की ओर से आयोग को पार्टी के नए नाम और चुनाव निशान की लिस्ट सौंपी जा चुकी है। उद्धव गुट की ओर से आयोग से पहला नाम शिवसेना बालासाहेब ठाकरे मांगा गया है जबकि चुनाव निशान के रूप में उद्धव गुट की पहली प्राथमिकता त्रिशूल है।

चुनाव आयोग की ओर से उठाए गए कदमों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में उद्धव ने शिंदे गुट पर निशाना साधने के साथ ही चुनाव आयोग को भी घेरा है। उन्होंने कहा कि हमने आयोग को अपना विकल्प बता दिए हैं और अब आयोग को जल्द से जल्द इस बाबत फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें आयोग के जल्द फैसले का इंतजार है ताकि हम लोगों के बीच जाकर इस बाबत जानकारी दे सकें। दरअसल अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के कारण उद्धव गुट ने आयोग से जल्द फैसला लेने की मांग की है।

उद्धव ठाकरे ने खेला इमोशनल कार्ड

चुनाव आयोग का फैसला उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उनके पास से शिवसेना का नाम और चुनाव निशान दोनों छिन गया है। यही कारण है कि उद्धव गुट के नेता आयोग के इस फैसले को अन्याय बता रहे हैं। उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी आयोग के फैसले के बाद शिंदे ग्रुप पर जमकर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने भी इमोशनल कार्ड खेलते हुए शिवसैनिकों को एकजुट रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मैं बाल ठाकरे का बेटा हूं और मेरे पिता और दादा ने मुझे यह सीख दी है कि यदि आपके भीतर आत्मविश्वास है तो कोई भी ताकत आपको रोकने में कामयाब नहीं हो सकती।

उन्होंने शिवसेना से बगावत करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि बागियों की नीयत काली होती है। बगावत करने वालों ने शिवसेना को खत्म करने की साजिश रची है। उन्होंने कहा कि भाजपा की मदद के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब वे शिवसेना प्रमुख भी बनना चाहते हैं। उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि यदि आपमें हिम्मत है तो बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल किए बिना मैदान में आइए और अपनी ताकत दिखाइए।

उद्धव गुट ने आयोग को सौंपी लिस्ट

इस बीच शिवसेना के वकील विवेक सिंह की ओर से चुनाव आयोग को पार्टी के नए नाम और सिंबल की लिस्ट सौंपी गई है। आयोग को सौंपी गई इस लिस्ट में शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शिवसेना (बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे) नाम शामिल हैं। इसके साथ ही पार्टी के नए चुनाव निशान की लिस्ट भी आयोग को दी गई है। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से त्रिशूल चुनाव निशान को सबसे ऊपर रखा गया है। इसके अलावा उगते सूरज और मशाल को भी लिस्ट में शामिल किया गया है। उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपने संबोधन के दौरान भी इन नामों और चुनाव निशानों का जिक्र किया था।

वैसे उद्धव ठाकरे गुट की ओर से मांगे गए चुनाव निशान चुनाव आयोग के पास उपलब्ध सिंबल की सूची में शामिल नहीं हैं। ऐसे में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आयोग की ओर से इनमें से किसी चुनाव निशान का आवंटन किया जाएगा या नहीं।

शिंदे खेमे में भी गतिविधियां तेज

दूसरी और शिंदे खेमे में भी गतिविधियां काफी तेज हैं। रविवार को हुई शिंदे गुट की बैठक में पार्टी के नए नाम और चुनाव निशान को लेकर लंबा मंथन किया गया। पार्टी के प्रवक्ता और राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत का कहना है कि हमारे साथ अन्याय किया गया है क्योंकि हमारे पास चुने गए प्रतिनिधियों का बहुमत है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नाम और चुनाव निशान के संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आखिरी फैसला लेंगे।

जानकारों का कहना है कि शिंदे ग्रुप की ओर से तलवार, तुरही और गदा चुनाव निशान का विकल्प दिया जा सकता है। जहां तक पार्टी के नाम का सवाल है तो शिंदे गुट भी अपने नाम के साथ बालासाहेब ठाकरे का नाम जोड़ने का फैसला कर सकता है। चुनाव आयोग की तरफ से दोनों गुटों को आज दोपहर तक का समय दिया गया है। इसके बाद आयोग दोनों गुटों की पार्टियों के नए नाम और चुनाव निशान पर आखिरी फैसला लेगा।

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