Mahatma Gandhi Death Anniversary: बहुत कीमती हैं साउथ अफ्रीका के लिए गांधीजी की यादें

Mahatma Gandhi Death Anniversary: 1948 में गांधीजी की नई दिल्ली में शाम की प्रार्थना के दौरान हत्या कर दी गई थी। गांधी जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-01-30 11:33 IST

Mahatma Gandhi Death Anniversary   (photo; social media )

Mahatma Gandhi Death Anniversary: देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए 30 जनवरी को पूरे देश में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे 'शहीद दिवस' या 'सर्वोदय दिवस' के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। 1948 में गांधीजी की नई दिल्ली में शाम की प्रार्थना के दौरान हत्या कर दी गई थी। गांधी जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, उन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीकों को अपनाया। गांधी जी को यूं तो पूरी दुनिया में याद किया जाता है लेकिन दक्षिण अफ्रीका से गांधी जी का खास कनेक्शन है।

साउथ अफ्रीका में गाँधी जी ने रंग भेद और नस्ल भेद के खिलाफ सत्याग्रह की शुरुआत की। इसी आन्दोलन को नेल्सन मंडेला ने अपना हथियार बनाया और गांधी के सविनय अवज्ञा और सत्याग्रह के जरिये साउथ अफ्रीका से नस्ल भेद – रंगभेद को ख़त्म किया। गाँधी जी का साउथ अफ्रीका में यही सबसे बढ़ा योगदान है।

1893 - एक भारतीय फर्म के लिये केस लड़ने दक्षिण अफ्रीका रवाना हुए। वहाँ उन्हें सभी प्रकार के रंग भेद का सामना करना पड़ा। अप्रैल 1893 में गांधी जी नाटाल, साउथ अफ्रीका में एक फर्म में बतौर वकील नौकरी करने चले गए। उसके बाद वो 21 साल तक साउथ अफ्रीका में रहे थे। सत्याग्रह, गांधी जी के दर्शन का मूल है। उस शब्द का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सरकार के काले कानून का अहिंसक आधार पर और दृढ़ता से विरोध करने का निश्चय किया था।

1894 - दक्षिणअफ्रीका में गांधी जी को रंगभेद का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने, वहीं रहकर समाज कार्य तथा वकालत करने का फैसला - नेटाल इण्डियन कांग्रेस की स्थापना की।

1899 - ब्रिटिश सेना के लिये बोअर युद्ध में भारतीय एम्बुलेन्स सेवा तैयार की।

1906 - जुलु विद्रोह के दौरान भारतीय एम्बुलेन्स सेवा तैयार की। एशियाटिक आर्डिनेन्स के विरूद्ध जोहान्सबर्ग में प्रथम सत्याग्रह अभियान आरम्भ किया।

1907 - ब्लैक एक्ट - भारतीयों तथा अन्य एशियाई लोगों के ज़बरदस्ती पंजीकरण के विरूद्ध सत्याग्रह।

1910 - जोहान्सबर्ग के निकट टाल्स्टाय फार्म की स्थापना।

1913 - रंगभेद तथा दमनकारी नीतियों के विरूद्ध द ग्रेट मार्च का नेतृत्व किया।

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