Manipur Violence: हथियारबंद गुटों ने फिर बरपाया कहर, घात लगाकर किया हमला, स्पेशल फोर्स के जवान समेत दो की मौत
Manipur Violence: हमलावरों ने कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया है। इसमें इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) का एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई।
Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अब भी अशांति बरकरार है। राज्य में हथियारबंद गुट आम नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षाबलों को लगातार निशाना बना रहे हैं। मैतेई और कुकी जनजाति के हमलवार एक-दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। हमलावरों ने कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया है। इसमें इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) का एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमला हरओथेल और कोबशा गांवों के बीच हुआ। एक गाड़ी में आईआरबी का एक जवान और ड्राइवर जा रहा था। इसी बीच गाड़ी पर गोलीबारी शुरू हो गई। हमले में दोनों बुरी तरह जख्मी हो गए। दोनों को अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषि कर दिया।
मृतकों की हुई पहचान
मृतकों की पहचान हेनमिनलेन वैफेई और थांगमिनलुन हैंगिंग के रूप में की गई है। इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) में कार्यरत वैफेई लीमाखोंग मिशन वेंग गांव के रहने वाले हैं। वहीं, हैंगिंग पश्चिम इंफाल जिले के हुनखो कुकी गांव के रहने वाले थे। घटना के बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किया गया है। हमलावरों की तलाश शुरू कर दी गई है।
हमले को लेकर कुकी समुदाय में नाराजगी
दोनों मृतक कुकी-जो समुदाय के बताए जा रहे हैं। जिसके बाद से इस हमले को लेकर समुदाय में भारी आक्रोश है। आदिवासी एकता समिति (सीओटीयू) ने हमले के विरूद्ध कांगपोकपी जिले में बंद का ऐलान किया है। संगठन की ओर से आम लोगों को इसमें सहयोग करने की अपील की गई है। सीओटीयू ने फिर से मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह की सरकार से अलग प्रशासन की मांग दोहराई है।
क्या है अलग प्रशासन की मांग ?
मणिपुर में भीषण जातीय हिंसा के कारण दो सबसे बड़े समुदायों मैतेई और कुकी के बीच दरार इतनी गहरी हो गई है कि अब वे बिल्कुल साथ नहीं रहना चाहते। कुकी जनजाति की ओर से लगातार अलग प्रशासन की मांग हो रही है, जिसमें मणिपुर सरकार का कोई दखल न हो। पिछले दिनों कुकी समुदाय के सबसे बड़े संगठन इंडीजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने केंद्र सरकार को अपनी अलग सरकार बनाने की धमकी भी दी थी।
संगठन की ओर से कहा गया कि अगर उन्हें अलग प्रशासन नहीं दिया गया तो दो हफ्ते बाद तीन जिलों में अपनी एक समानांतर प्रशासन बना लेंगे। जिन तीन जिलों की बात वो कर रहे हैं, वो है - चुराचांदपुर कांगपोकपी और टैंगनाउपोल। हालांकि, मणिपुर सरकार ने उनकी इस मांग को खारिज किया है। आईटीएलएफ के महासचिव मुआन टोबिंग के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।
बता दें कि 3 मई 2023 को मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजाति के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी। महीनों तक चली हिंसा में अब तक 187 मौतें हुई हैं, जबकि 1100 घायल हुए हैं। राज्य में अभी भी इंटरनेट सेवा बंद है।