Karnataka Election 2023: मायावती और अखिलेश यादव का कर्नाटक दौरा आज, आखिर किस दल को सियासी नुकसान पहुंचाएंगे सपा-बसपा प्रत्याशी
Karnataka Election 2023: अखिलेश यादव और मायावती का आज कर्नाटक दौरे का कार्यक्रम है। दोनों नेता अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
Karnataka Election 2023: उत्तर प्रदेश की सियासत के दो बड़े चेहरे आज कर्नाटक के सियासी दंगल में कूदेंगे। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का आज कर्नाटक दौरे का कार्यक्रम है। दोनों नेता अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार को संपन्न हो चुका है जबकि दूसरे और आखिरी चरण का मतदान 11 मई को होने वाला है। ऐसे में निकाय चुनाव के बीच दोनों नेताओं के कर्नाटक दौरे पर हैरानी भी जताई जा रही है।
कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के एक प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी जबकि समाजवादी पार्टी का खाता नहीं खुला था। सपा ने 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे मगर सभी सीटों पर पार्टी को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हैं कि दोनों नेता आखिर किस दल को सियासी नुकसान पहुंचाएंगे।
बसपा को पिछले चुनाव में मिली थी एक सीट
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका है मगर बसपा मुखिया मायावती चुनाव प्रचार करने के लिए घर से बाहर नहीं निकलीं। यही कारण है कि उनके कर्नाटक दौरे पर सियासी हलकों में भी हैरानी जताई जा रही है। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में हो रहा है। कई इलाकों में जनता दल (एस) के प्रत्याशी भी अपनी ताकत दिखाते हुए दोनों दलों पर भारी दिख रहे हैं। कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने जनता दल एस के साथ गठबंधन किया था।
जनता दल एस के साथ गठबंधन का बसपा को सियासी लाभ भी मिला था और पार्टी की प्रदेश इकाई के तत्कालीन अध्यक्ष एन महेश ने राज्य की कोल्लेगला विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी। पार्टी कुमारस्वामी की सरकार में भी शामिल हुई थी। यही नहीं वोट शेयर के लिहाज से बसपा राज्य की चौथे नंबर की पार्टी भी बन गई थी। बसपा को राज्य में 9.3 फ़ीसदी वोट मिले थे। वैसे इस कामयाबी के पीछे जनता दल एस के साथ गठबंधन को भी बड़ा कारण माना गया था।
मायावती की चुनावी रैली आज
कर्नाटक के इस बार के विधानसभा चुनाव में बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए पार्टी की मुखिया मायावती आज कर्नाटक पहुंच रही हैं। मायावती आज बेंगलुरु के पैलेस ग्राउंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगी।
वे शाम को एक होटल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगी। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बसपा कहीं भी मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रही है। बीएसपी के चुनावी अखाड़े में कूदने से कांग्रेस को सियासी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
अखिलेश यादव करेंगे पांच चुनावी सभाएं
सपा मुखिया अखिलेश यादव भी निकाय चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह सक्रिय नहीं दिखे हैं। हालांकि उन्होंने कुछ चुनावी सभाओं के जरिए सपा प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत बनाने का प्रयास जरूर किया है। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होने वाला है मगर सपा मुखिया अखिलेश यादव प्रदेश में प्रचार छोड़कर अब आज कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे।
सपा सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव कर्नाटक में पार्टी प्रत्याशियों के लिए पांच चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। कर्नाटक में समाजवादी पार्टी का कोई खास जनाधार नहीं माना जाता मगर फिर भी पार्टी ने 14 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। अखिलेश चुनावी सभाओं के जरिए इन पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
सपा को पिछले चुनाव में नहीं मिली कामयाबी
सपा को उम्मीद है कि अखिलेश यादव की मेहनत रंग लाएगी और पार्टी को इस बार कर्नाटक में कामयाबी मिल सकती है। वैसे कर्नाटक में सपा का कोई खास जनाधार नहीं माना जाता 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा ने 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे मगर पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं हासिल हुई थी। अगर पार्टी के प्रत्याशी मुस्लिम वोट बैंक में कुछ हद तक सेंध लगाने में कामयाब रहे तो इससे कांग्रेस और जनता दल एस को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
यूपी छोड़कर कर्नाटक में दिखाएंगे सक्रियता
प्रदेश में निकाय चुनावों के दौरान सपा और बसपा दोनों पार्टियों के इन दोनों बड़े नेताओं के कर्नाटक दौरे पर हैरानी भी जताई जा रही है। बसपा मुखिया मायावती ने तो इस बार के चुनाव में अपनी पार्टी के लिए एक भी सभा नहीं संबोधित की है। बसपा ने सभी जिलों में मेयर और सभासद पदों के लिए अपने प्रत्याशी उतारे हैं। फिर भी मायावती प्रचार करने के लिए घर से बाहर नहीं निकलीं। यही कारण है कि उनके कर्नाटक में चुनावी जनसभा करने पर हैरानी जताई जा रही है।
दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे हैं। इन दोनों नेताओं की अपेक्षा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के निकाय चुनावों में पूरी ताकत झोंक रखी है। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की ओर से योगी की भारी डिमांड की जा रही है मगर योगी कर्नाटक की अपेक्षा उत्तर प्रदेश को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
निकाय चुनावों के पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण के लिए भी योगी ने धुआंधार प्रचार शुरू कर दिया है। दूसरी ओर राज्य के दोनों मुख्य विपक्षी दलों के नेता मायावती और अखिलेश यूपी छोड़ कर्नाटक में सक्रियता दिखाने जा रहे हैं।