मोदी सेना तैयार: चीन घिर उठा अपनी ही चाल में, अब छूटेंगें पसीने
चीन अपनी ही चाल में चारों तरफ से घिर गया है और उसको घेरा है हिंदुस्तान ने। रंजिशों चलते-चलते चीन अब चक्रव्यूह का शिकार हो गया है और इस चक्रव्यूह के रचियता है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
नई दिल्ली। चीन अपनी ही चाल में चारों तरफ से घिर गया है और उसको घेरा है हिंदुस्तान ने। रंजिशों चलते-चलते चीन अब चक्रव्यूह का शिकार हो गया है और इस चक्रव्यूह के रचियता है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। जिससे चीन निकलने की कोशिश तो बहुत करेगा, लेकिन निकल नहीं पाएंगा। चीन के लिए बॉर्डर पर सिर्फ सेना फौज इकठ्ठा करना ही काफी नहीं था, इसलिए इस चक्रव्यूह को रचा गया है।
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दुश्मनी ही निभाना जानता है चीन
दुनियाभर में कोरोना को फैलाने का पूरा श्रेय चीन को ही दिया जा रहा है। चीन एक ऐसा देश है जो किसी का दोस्त नहीं बना सकता है, दोस्ती का नाटक करके सिर्फ दुश्मनी ही निभाना जानता है चीन। दूसरें देशों की सारी हकीकत जानने के बाद वो उनका फायदा उठाते हुए उनको अपना गुलाम बना लेता है।
लेकिन भारत ऐसा देश नहीं जो चीन के बहकावे में आ जाए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये निश्चय कर लिया है कि चीन को किसी भी कीमत में कामयाब नहीं होने देना है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो चक्रव्यूह बनाया है उससे निकल पाना चीन के लिए संभव नहीं होगा।
पीएम मोदी के इस चक्रव्यूह का सबसे बाहरी हिस्सा है सामरिक और उसके अंदर का हिस्सा है कूटनीतिक और फिर उसके अंदर का व्यूह है आर्थिक। तो चलिए जानते है कि कैसे पीएम मोदी ने चीन को परास्त करने की रणनीति बनाई है। आखिर क्या है जिससे चीन की लगाम भारत के हाथों आ जाएगी।
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युद्ध के लिए तैयार रहने की बात
पीएम मोदी के इस चक्रव्यूह की शुरुआत रक्षा संबंधी मामलों से होती है। पू्र्वी लद्दाख के 3 केंद्रों पर चीन ने घुसपैठ कर ली। साथ ही अपनी सैनिक टुकड़ी के साथ डट गया। उसने सोचा होगा कि भारत कोई पलटवार नहीं करेगा लेकिन हिंदुस्तान की सेना भी वहां जा डटी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत के साथ बैठक करके तय कर लिया है कि चीन जिस भाषा में बात समझता हो, उसे उसी भाषा में समझा दिया जाए।
भारत के इस नए अंदाज से चीन झिलमिलाया और खुन्नस से भरा हुआ है। इन्ही सब के चलते शी जिनपिंग ने अपने सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक करके युद्ध के लिए तैयार रहने की बात की है।
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सबसे बड़ा कूटनीतिक युद्ध
सैन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में चीन के राष्ट्रपति ने किसी देश का नाम नहीं लिया कि वो किससे युद्ध के लिए तैयारी कर रहे हैं। ये भी खुलासा नहीं किया। वैसे चीन का सबसे बड़ा कूटनीतिक युद्ध तो अमेरिका से चल रहा है जो कोरोना पर शुरू हुआ है।
लेकिन जब चीन की हरकतों पर भारत ने अपना रुख सख्त किया तो अमेरिका को भी लग गया कि हालात बदल रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट किया कि हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि उनके तीखे सीमा विवाद पर अमेरिका मध्यस्थता करने को तैयार है।
हालांकि अभी देश के सामने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसलिए देश अपना पूरा ध्यान महामारी को खत्म करने पर केंद्रित कर रही है।
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ऑनलाइन शिरकत की और उनको बधाई दी
चीन अपनी ताकत दिखाने में पूरी तरह आतुर है लेकिन अमेरिका और पीएम मोदी के चक्रव्यूह के दूसरे व्यूह पर आते हैं जिसमें चीन को कूटनीतिक रूप से घेरना है। चीन ने ताइवान की आजादी का अतिक्रमण कर रखा है।
लेकिन इसके साथ ही दुश्मन का दुश्मन दोस्त की वाली कहावत के इस्तेमाल करते हुए भारत ने ताइवान का कूटनीतिक समर्थन कर दिया। बुधवार को ताइवन की नई राष्ट्रपति साइ इंग वेन के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के दो सांसदों मीनाक्षी लेखी और राहुल कस्वां ने ऑनलाइन शिरकत की और उनको बधाई दी।
पीएम मोदी के चक्रव्यूह का तीसरा व्यूह आर्थिक मोर्चा है। जोकि चीन के लिए सबसे घातक बना हुआ है। अब वहां पर कोई भी कंपनी काम नहीं करना चाहती। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले से ही दुनिया से कह रहे हैं कि चीन को अलग-थलग कर देना है। लेकिन तभी पीएम मोदी ने देश के लिए आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था।
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