PM Modi: विपक्ष की तिलमिलाहट के बीच मोदी का मौनव्रत जारी, कुछ ऐसे बिताएंगे PM रॉक मेमोरियल पर 45 घंटे, सामने आया वीडियो
PM Modi in Kanniyakumari: विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाने से पहले मोदी ने भगवती अम्मान मंदिर में पूचा अर्चना की।
PM Modi in Kanniyakumari: लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण का प्रचार अभियान खत्म होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान केंद्रित करने के लिए कन्याकुमारी पहुंचे। वह बीते दिन गुरुवार को पंजाब में चुनावी रैली खत्म करने के बाद यहां पहुंचे थे और शाम 06 बजकर 45 मिनट पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मौनव्रत शुरू कर दिया था, जो 1 जून की शाम तक चलेगा। इस दौरान पीएम मोदी मंडपम में दिन और रात ध्यान करेंगे। वह बाहर नहीं निकलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौनव्रत कार्यक्रम को लेकर पूरा विपक्ष तिलमिलाया हुआ है, वह इसे आचार संहिता का उल्लंघन बता रहा है। हालांकि पीएम मोदी इन सबकी परवाह किए बिना मौनव्रत पर बैठ गए हैं। बता दें कि यह वही स्थान है, जहां कभी स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था। इस बीच, पीएम मोदी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भगवा रंग का वस्त्र धारण किए हुए मौनव्रत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी किया गया है। इसके साथ ही कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं।
कुछ ऐसे नजर आए दूसरे दिन पीएम मोदी
कुछ ऐसे बिताएंगे मोदी 45 घंटे
विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर जाने से पहले मोदी ने भगवती अम्मान मंदिर पूचा अर्चना की। वह हेलिकॉप्टर तिरुवनंतपुरम से तमिलनाडु के कन्याकुमारी पहुंचे। यहां आते उनका काफिला सीधे भगवती अम्मान मंदिर गया, यहां पर उन्होनें भगवती मां का आशीर्वाद लिया, फिर वह विवेकानंद रॉक मेमोरियल की ओर रवाना हुए, यहां पर अगले 45 घंटों के लिए मोदी ध्यान और मौनव्रत में बैठे हुए हैं। वह इस दौरान मौनव्रत का पालन करेंगे। केवल तरल आहार लेंगें, जिसमें नारियल पानी और अंगूर के जूस शामिल है। मोदी ने धोती और अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऑफ-व्हाइट रंग के शॉल से ओढे हुए हैं।
इस स्थान का है विशेष महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भी भगवान शिव की प्रतीक्षा करते हुए एक पैर पर बैठकर यहीं ध्यान लगाया था। स्मारक स्थल पर स्थित इस चट्टान का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा। ऐसा माना जाता है कि जैसे गौतम बुद्ध के जीवन में सारनाथ का विशेष स्थान है, वैसे ही स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी इस चट्टान का विशेष स्थान है, यहां पर ध्यान लगाकर विवेकानंद जी ने विकसित भारत का सपना देखा था। स्वामी विवेकानंद से प्रभावित हो कर मोदी भी तीन के लिए उसी चट्टान पर ध्यान में बैठे हुए हैं।
मंदिर में की विशेष पूजा
प्रधानमंत्री ने जिस भगवती अम्मान मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की है, उसके उल्लेख उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। पुजारियों ने बताया कि किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार देवी के दर्शन किए हैं। माता की पूजा अर्चना करने के बाद मोदी ने गर्भगृह की परिक्रमा भी की। मंदिर के पुजारियों ने एक विशेष आरती भी कराई और उन्हें मंदिर का प्रसाद दिया गया। प्रसाद में एक शॉल और मंदिर के देवता की फ्रेमयुक्त तस्वीर है। माना जाता है कि देवी कन्याकुमारी की मूर्ति की स्थापना 3000 साल पहले भगवान परशुराम ने की थी।
पीएम ने की राष्ट्रीय एकता संदेश देने की कोशिश
कन्याकुमारी भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। यह वह स्थान है जहाँ भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएँ मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है, यहां पर मोदी पहुंचकर राष्ट्रीय एकता का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
मोदी के ध्यान से विपक्ष में तिलमिलाहट
कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर प्रधानमंत्री के ध्यान और मौनव्रत वाले कार्यक्रम से पूरा विपक्ष में तिलमिलाहट है। विपक्ष के नेता मोदी ऊपर आर्दश आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 4 तारीख के बाद उनका परमानेंट मेडिटेशन होगा। अखिलेश यादव से लेकर ममता बनर्जी तक ने भी मोदी की आलोचना की।