Jammu and Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने बदली रणनीति, मुस्लिमों पर जताया भरोसा, आधी से अधिक सीटों पर दिया टिकट

Jammu and Kashmir Election: भाजपा ने चुनावी जीत हासिल करने के लिए 16 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है और इनमें पार्टी ने आधी से अधिक सीटों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को टिकट दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-26 11:45 GMT

जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने बदली रणनीति, मुस्लिमों पर जताया भरोसा, आधी से अधिक सीटों पर दिया टिकट: Photo- Social Media

Jammu and Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly elections) में जीत हासिल करने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर करीब एक दशक बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा ने चुनावी जीत हासिल करने के लिए 16 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है और इनमें पार्टी ने आधी से अधिक सीटों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को टिकट दिया है।

भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव लाते हुए मुसलमानों पर भरोसा जताया है। पार्टी ने नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के साथ ही पीडीपी को चुनौती देने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब यह देखने वाली बात होगी की पार्टी की यह बदली हुई रणनीति पार्टी को जीत दिलाने में कहां तक मददगार साबित हो पाती है।

16 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी घोषित

जम्मू-कश्मीर में पार्टी प्रत्याशियों का नाम तय करने के लिए रविवार को पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मंथन किया गया था। इसके बाद सोमवार को सुबह दस बजे पार्टी के 44 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई। हालांकि कुछ देर बाद ही इस सूची को वापस ले लिया गया। कुछ समय बाद दो सूचियों में 16 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए।

पहले 15 प्रत्याशियों की सूची जारी की गई और बाद में एक और प्रत्याशी का नाम घोषित किया गया। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं और इनमें से 16 सीटों पर पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। अभी पहले चरण की 8 सीटों पर पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है।

पहली सूची में आठ मुस्लिमों को दिया टिकट

भाजपा की ओर से 15 सीटों पर घोषित पहली सूची में आठ मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा जताया गया है। इसे भाजपा का बड़ा कदम माना जा रहा है क्योंकि पार्टी ने 50 फ़ीसदी से अधिक सीटों पर मुसलमानों पर भरोसा जताया है।

भाजपा ने पांपोर से इंजीनियर सैयद शौकत गयूर, राजपोरा से अर्शीद भट्ट, शोपियां से जावेद अहमद कादरी, अनंतनाग पश्चिम से मो.रफीक वानी, अनंतनाग से एडवोकेट सैयद वजाहत, श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, इंदरवल से तारिक कीन और बनिहाल से सलीम भट्ट को टिकट देकर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार की है।

हिंदू समुदाय के सात लोग चुनाव मैदान में

भाजपा की पहली सूची में हिंदू समुदाय से जुड़े सात लोगों को टिकट दिया गया है और इनमें एक कश्मीरी पंडित भी शामिल है। किश्तवाड़ से शगुन परिहार, डोडा से गजय सिंह राणा, शानगुस अनंतनाग से वीर सराफ, पाडेर नागसेनी सीट से सुनील शर्मा, भदरवाह से दिलीप सिंह परिहार, रामबन से राकेश ठाकुर और डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार को प्रत्याशी बनाया है।

शानगुस अनंतनाग से कश्मीरी पंडित वीर सराफ को चुनाव मैदान में उतारा गया है। दूसरी सूची में कोकरनाग सीट से चौधरी रोशन हुसैन गुज्जर को प्रत्याशी बनाया गया है।

मुस्लिमों को टिकट देने के पीछे बड़ी रणनीति

जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने के पीछे भाजपा की सोची समझी रणनीति है। कश्मीर रीजन में मुसलमानों का वोट निर्णायक स्थिति में होने के कारण पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। भाजपा अभी तक जम्मू रीजन में अपनी ताकत दिखाती रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने जम्मू रीजन की दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।

पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी ने कश्मीर क्षेत्र की सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा जताया था और इस कारण पार्टी को कुछ हद तक कामयाबी भी हासिल हुई थी। इसी कारण पार्टी ने उसी रणनीति को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भी अपने का फैसला किया है। सियासी जानकारों का मानना है कि इसके जरिए पार्टी ने मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश की है।

लोकसभा चुनाव में उतारा था सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी

हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने पूरे देश में सिर्फ एक मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था। केरल की मलप्पुरम सीट पर भाजपा की ओर से डॉक्टर अब्दुल सलाम चुनाव मैदान में उतरे थे। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

अब जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी मगर संभावना जताई जा रही है कि पार्टी 60-70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।

कश्मीर रीजन में ताकत दिखाने की कोशिश

जम्मू रीजन में तो भाजपा का मजबूत सियासी आधार माना जाता है मगर कश्मीर रीजन में पार्टी की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है। हाल के दिनों में पार्टी ने यहां खुद को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। इसीलिए पार्टी ने कश्मीर रीजन में मुस्लिम उम्मीदवारों के जरिए अपने सियासी स्थिति मजबूत बनाने का प्रयास किया है।

कश्मीर रीजन में विधानसभा के 47 सीटें हैं। जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों पर तो पार्टी को काफी उम्मीदें हैं मगर पार्टी ने कश्मीर रीजन की 47 में से 10-12 सीटों पर जीत हासिल करने की योजना तैयार की है। अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी अपनी इस रणनीति में कहां तक कामयाब हो पाती है।

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