Nabanna Protest छात्रों पर हुए लाठी चार्ज के खिलाफ BJP का ‘बंगाल बंद’ ऐलान, बंदी के खिलाफ ममता का अल्टीमेंट, कर्मचारी को दिए ये आदेश

Nabanna Protest: प्रदर्शनकारी छात्रों पर कोलकाता में बंगाल पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज के खिलाफ भाजपा ने अपना कड़ा विरोध जताया है। साथ ही, प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में बुधवार को 12 घंटे का बंगाल बंद का आह्वान किया है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-27 12:34 GMT

Nabanna Protest (सोशल मीडिया) 

Nabanna Protest: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में हुए लेडी डाक्टर से रेप के बाद मर्डर के मामले में अब बंगाल के छात्र राज्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ सड़कों पर उतरते हुए मोर्चा खोल दिया है। छात्रों ने मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना पर राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों ने नाखुश होते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपने पद की इस्तीफे की मांग को लेकर 'नबन्ना अभियान' का आह्वान करते हुए सचिवालय (नबन्ना) तक मार्च निकालने के लिए निकले। पुलिस ने जब प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने की कोशिश की तो यह मार्च हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज, पानी की बौछार के अलावा आंसू गैस को गोले तक दागने पड़े। छात्रों के ऊपर हुई इस कार्रवाई पर भाजपा ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं, इस बंदी के खिलाफ ममता सरकार ने बढ़ा कदम उठाया है और राज्य सरकार के कर्मचारियों को बड़ी हिदायत दी है। 

बंगाल को बचाने का था आम लोगों का आंदोलन, बोली बीजेपी

प्रदर्शनकारी छात्रों पर कोलकाता में बंगाल पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज के खिलाफ भाजपा ने अपना कड़ा विरोध जताया है। साथ ही, प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में बुधवार को 12 घंटे का बंगाल बंद का आह्वान किया है। प्रदेश बीजेपी द्वारा बुलाए गए इस बंगाल बंद का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री करेंगे। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने नबन्ना अभियान के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के बल प्रयोग की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, हमें पता चला कि कुछ पुलिसकर्मी नशे में थे। पुलिस ने केमिकल मिले पानी का छिड़काव किया। क्या छात्रों ने कुछ गलत किया है? नशे की हालत में पुलिस ने महिला के सिर पर डंडा मारा। यह बंगाल को बचाने के लिए आम लोगों का आंदोलन था। एक छात्र को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हमें नहीं पता कि उसे गोली लगी है या आंसू गैस के शेल से चोट लगी है। हालांकि इससे यह साबित हो गया है कि वाम मोर्चा राज्य की सत्ताधारी पार्टी से सेटिंग करने में जुटा है।

12 घंटे बंगाल बंद का आह्वान

उन्होंने कहा आज बंगाल पुलिस द्वारा की गई छात्रों के खिलाफ इस कार्रवाई पर हम अदालत के आदेश के बाद कल या परसों से धरने पर बैठेंगे, हमने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर कल सुनवाई होगी। पुलिस ने हमें धरना देने की अनुमति नहीं दी है, इसलिए हम कोर्ट गए थे। हम आज की घटना के विरोध में कल 12 बजे बंगाल बंद का आह्वान कर रहे हैं। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदर्शन होगा।

महिला मोर्चा महिला आयोग करेगी बंद

उधर, प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में भाजपा महिला मोर्चा भी उतर आई है। बीजेपी की महिला मोर्चा 30 अगस्त को महिला आयोग के कार्यालय पर 'ताला लगाओ अभियान' आयोजित करेगी। वहीं, इस घटना पर भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है, वह चिंताजनक है। यह संविधान को तार-तार करने जैसा है। यह स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है कि यदि देश में कोई डॉक्टर है, तो वह ममता बनर्जी हैं।

प्रदर्शनकारी छात्रों की ये तीन मांगे

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना पर राज्य सरकार द्वारा की गई हीलाहवाली के खिलाफ अब कई छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। छात्रों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस घटना पर अपने पद से इस्तीफा देने की मांग को लेकर ‘नबन्ना अभियान’ का आह्वान किया है। यह आह्वान रवीन्द्रभारती विश्वविद्यालय के एमए छात्र प्रबीर दास, कल्याणी विश्वविद्यालय के शुभंकर हलदर और सयान लाहिड़ी नामक छात्रों ने किया। छात्रों ने कहा कि विरोध एक फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ। इस घटना पर हमारी 3 मांगे हैं। अभया के लिए न्याय, अपराधी के लिए मौत की सजा और ममता बनर्जी का इस्तीफा।

ड्यूटी पर नहीं वाले कर्मचारी का कटेगा वेतन

भाजपा की बंदी के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने कहा, 'सरकार बुधवार को किसी भी बंद की अनुमति नहीं देगी। हम लोगों से इसमें भाग नहीं लेने का आग्रह करते हैं। इस संदर्भ में राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है। राज्य सचिवालय 'नबन्ना' से जारी अधिसूचना में कहा गया, 'यह निर्णय लिया गया है कि 28 अगस्त को पहली या दूसरी पाली में किसी कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाएगा। न ही पूरे दिन के लिए किसी की छुट्टी स्वीकार की जाएगी, जो कर्मचारी 27 अगस्त, 2024 को छुट्टी पर थे, उन्हें 28 अगस्त, 2024 को ड्यूटी पर रिपोर्ट करना होगा। जानबूझकर को छुट्टी करने वाले कर्मचारियों के वेतन की कटौती होगी।

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