मोदी सरकार के इन दो बड़े फैसलों ने बदलकर रख दी लोगों की वर्षों पुरानी सोच

मोदी सरकार जब दोबारा सत्ता में आई तो उसके सामने कई चुनौतियां थीं। पहला देश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करना और दूसरा पेट्रोल और डीजल के मुकाबले किसी तीसरे विकल्प को बढ़ावा देना। इसको लेकर मोदी सरकार ने दो बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों के बारे में हम आपको बताते हैं।

Update: 2019-12-05 10:41 GMT

नई दिल्ली: मोदी सरकार जब दोबारा सत्ता में आई तो उसके सामने कई चुनौतियां थीं। पहला देश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करना और दूसरा पेट्रोल और डीजल के मुकाबले किसी तीसरे विकल्प को बढ़ावा देना। इसको लेकर मोदी सरकार ने दो बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों के बारे में हम आपको बताते हैं।

इलेक्ट्रिक गाड़ियां

इस साल केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक चार्जर पर जीएसटी की दरों को कम कर दिया। इससे पहले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12% का जीएसटी लगता था, जो अब घट कर 5% रह गया है। इससे इलेक्ट्रिक स्कूटर से लेकर इलेक्ट्रिक कार की कीमतों में कमी आई है।

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इस कानून ने बटोरीं सुर्खियां

नया मोटर व्हीकल संसोधन कानून ने इस साल सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं। दरअसल यह मोदी सरकार का एक ऐसा फैसला रहा जिसने देशभर में ट्रैफिक पुलिस, चालान और ट्रैफिक नियम को लेकर सालों पुरानी सोच को बदल दिया। नया मोटर व्हीकल कानून देशभर में 1 सितंबर से लागू हो चुका है। इस कानून के तहत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से 10 गुना ज्यादा तक का चालान काटा जा रहा है। इसी नियम से तहत एक आदमी का हाल ही में 9 लाख रुपये से भी ज्यादा का ट्रैफिक चालान काटा गया है।

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हाल ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि, इस कानून के लागू होने के महीने भर के अंदर ही कई राज्यों में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी आई है। इस कानून को कई राज्यों में लागू नहीं किया गया है। वहीं, कई राज्यों ने चालान की कीमतों में कटौती भी की है।

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