जल्द ही आम जनता के लिए ये बड़े ऐलान कर सकती है मोदी सरकार
देश में बढ़ती आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है। पिछले 10 दिनों में सरकार ने कई घोषणाएं की है जो संस्थाओं और कंपनियों से संबंधित हैं। इनमें विदेशी निवेश के लिए नियमों में बदलाव या 10 सरकारी बैंकों का 4 में विलय।
नई दिल्ली: देश में बढ़ती आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है। पिछले 10 दिनों में सरकार ने कई घोषणाएं की है जो संस्थाओं और कंपनियों से संबंधित हैं। इनमें विदेशी निवेश के लिए नियमों में बदलाव या 10 सरकारी बैंकों का 4 में विलय।
सावधानी बरतने की जरूरत
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक निजी उपभोग और मांग में भारी गिरावट को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके साथ ही उनका कहना है कि कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि जब उपभोक्ताओं की मनोदशा नकारात्मक होती है तो वे कम खर्च करते हैं।
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जेब पर होगा सीधा असर
कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अब सरकार कुछ ऐसे कदमों का ऐलान कर सकती है जिनका आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
पिछले सप्ताह जारी जीडीपी के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में निजी उपभोग पर खर्च, जो अर्थव्यवस्था में मांग को दर्शाता है, महज 3.14 % की गति से बढ़ा। यह 17 तिमाहियों में सबसे निचला स्तर है।
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गाड़ियां हो जाएंगी सस्ती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को बताया कि सरकार अगली जीएसटी काउंसिल बैठक में ऑटोमोबाइल्स के लिए जीएसटी कटौती का प्रस्ताव रखेंगी, ताकि कम मांग की वजह से सुस्ती का सामना कर रहे ऑटो सेक्टर को राहत मिले। अब इससे साफ है कि त्योहारी सीजन से पहले गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी। रियल एस्टेट के लिए भी इसी तरह के पैकेज की चर्चा है।
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जीएसटी कलेक्शन में गिरावट से भी उपभोग में सुस्ती का संकेत देखा गया है। अगस्त में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन जुलाई के मुकाबले 1.02 लाख करोड़ रुपये से घटकर 98,202 करोड़ रुपये रहा। सरकार ने जीएसटी कलेक्शन के अनुमान को बजट में 7.6 लाख करोड़ से घटाकर 6.63 लाख करोड़ कर दिया था।