सिद्धू के खिलाफ हुए साथी मंत्री, 10 मंत्रियों ने की पार्टी से निकालने की मांग

Update:2018-12-07 12:17 IST
सिद्धू के खिलाफ हुए साथी मंत्री, 10 मंत्रियों ने की पार्टी से निकालने की मांग

दुर्गेश पार्थसारथी

चंडीगढ़। विवादों में रहना पंजाब के स्थानीय निकाय और सैर सपाटा मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का शगल है। करीब दो महीने पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा से गले मिलने से विवाद से उनका पीछा छूटा भी नहीं था कि पाकिस्तान के जिन्न ने एक बार फिर सिद्धू को घेर लिया है। अपने पूर्व क्रिकेटर दोस्त और अब पाक पीएम इमरान खान के बुलावे पर करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में गए सिद्धू इस बार नए विवाद में घिर गए है।

अपने पाकिस्तान प्रवास के दौरान सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत से ज्यादा पाकिस्तानी अवाम व वहां की सरकार के तारीफों के पुल बांधते नजर आए। वे यह भी भूल गए कि जो शख्स उनकी बगल में बैठकर आवभगत कर रहा है वह कोई और नहीं बल्कि खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला है। गोपाल सिंह चावला कुछ दिन पहले हाफिज सईद के साथ उसकी मजलिस में देखा गया था। वहां वह भारत को बर्बाद करने की धमकी भी दे रहा था। यही नहीं पंजाब में पकड़े गए कुछ आतंकियों से भी उसके संबंध होने की बात सामने आ रही है। इन सबके बावजूद सिद्धू का गोपाल चावला के साथ होना विवादों का कारण तो बनना ही था। खैर यह तो रही पाकिस्तान में सिद्धू की भूल मगर पाकिस्तान से भारत लौटते ही अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर सिद्धू ने न केवल कांग्रेस में अपने लिए मुसीबतें मोल ले लीं बल्कि राहुल गांधी की भी परेशानी बढ़ा दी है।

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करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के बाद भारत पहुंचे सिद्धू ने पहले तो चावला के साथ होने की बात पर सफाई देते हुए कहा कि रोजाना हमारी दस हजार से अधिक फोटोज खिंची जाती है। अब इनमें हमें क्या पता कौन गोपाल चावला है या कोई और। वैसे भी मैं गोपाल चावला को नहीं जानता। अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का कहना है कि एक तो सेलीब्रिटी और दूसरे पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री को खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला के बारे में न पता हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। बहरहाल सिद्धू के लिए असल परेशानी का कारण तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति दिया गया वह बयान है जिसमें उन्होंने कहा कि कौन कैप्टन, मैं कैप्टन को नहीं जानता। मेरे तो कैप्टन राहुल गांधी साहब हैं। सिद्धू के इस बयान से नाराज कांग्रेस के 10 मंत्रियों ने सिद्धू को पार्टी से हटाने की मांग की है। इनमें वे मंत्री भी शामिल हैं जिन्होंने सिद्धू के अफीम की खेती के सुझाव और पहले पाकिस्तान दौरे का विरोध किया था। इन मंत्रियों का कहना है कि सिद्धू की वजह से पार्टी की फजीहत हो रही है। यही नहीं सिद्धू ने पार्टी का अनुशासन तोड़ा है। इसलिए उनके पार्टी में रहने का कोई औचित्य नहीं है। उधर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि उन्होंने सिद्धू को पाकिस्तान जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। खैर पाकिस्तान जाने का उनका निजी फैसला था। यह न तो प्रदेश सरकार का फैसला था और ना ही कांग्रेस का।

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भाजपा भी हुई हमलावर

सिद्धू पर पाकिस्तान परस्ती मानसिकता का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा भी हमलावर हो गई है। पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी और प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक सहित कई अन्य भाजापा नेताओं ने सिद्धू पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने व कांग्रेस पार्टी से निकालने की मांग की है। इन नेताओं का कहना है सिद्धू की वजह से देश और कांग्रेस दोनों की छवि खराब हो रही है। वहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मी कांत चालवा ने कहा कि सिद्धू को गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। देश और देश हित से बढ़कर कोई चीज नहीं होती। सिद्धू को कोई भी बयान देने से पहले सोचना चाहिए।

शिअद को मिला हथियार

पिछले कुछ समय से बेअदबी के मामले में घिरी शिरोमणि अकाली दल को सिद्धू के बहाने कांग्रेस पर हमला करने का बड़ा मुद्दा मिल गया है। वैसे भी नवजोत सिंह सिद्धू बादल परिवार पर हमेशा आक्रामक रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने तो सिद्धू पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने तक की मांग कर दी है। यही नहीं उनकी पत्नी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसीमरत कौर बादल और पंजाब के पूर्व राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया ने सिद्धू देश का गद़दार तक कह दिया है।

एसजीपीसी के जत्थेदार ने दी सफाई

पाकिस्तान से लौटे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के उदघाटन समारोह में उन्हें पता नहीं था कि गोपाल सिंह चावला उनके बगल में बैठा है। पाक सरकार ने उन्हें प्रोटोकॉल के तहत बैठने की जगह मुहैया करवाई थी। उन्होंने कहा कि उनके साथ और अधिकारी भी बैठे थे। चावला के साथ उनकी फोटो को लेकर बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है।

बेवजह चिंतित नहीं हैं सुरक्षा एजेंसियां

करतारपुर कॉरिडोर खोला जाना धार्मिक, राजनीतिक व कूटनीतिक नजरिए से सही हो सकता है, लेकिन इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों का चिंतित होना लाजमी है। पिछले दिनों अमृतसर में सत्संग के दौरान हुए ग्रेनेड हमले और इसके बाद पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जो बात सामने आई है उसमें पाकिस्तानी कनेक्शन जुड़ा हुआ है। एजेंसियों का मानना है कि इस रास्ते का इस्तेमाल पाकिस्तान संगत के वेश में आतंकी भेजने लिए कर सकता है। श्री गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाकर पाकिस्तान से लौटे सिख श्रद्धालुओं का कहना है कि पाकिस्तान में आए विदेशी सिख संगत ने वहां खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे।

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