Punjab Congress: नवजोत सिद्धू को लेकर पंजाब कांग्रेस में कलह तेज, अलग रैलियां करने पर वरिष्ठ नेता हमलावर, पार्टी से बाहर करने की मांग

Punjab Congress: पार्टी के कई अन्य नेताओं ने सिद्धू के संगठन से अलग रैलियां आयोजित करने पर तीखी आपत्ति जताते हुए इसे अनुशासनहीनता बताया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-21 08:28 GMT

Navjot Singh Sidhu  (photo: social media )

Punjab Congress: पंजाब में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पार्टी में अंतर्कलह काफी तेज हो गई है। सिद्धू ने हाल में प्रदेश संगठन से अलग ‘जीतेगा पंजाब’ रैली का आयोजन किया था जिसे लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जताई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू से अनुरोध किया है कि वे पार्टी के आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित करें। इससे अलग हटकर अपना अलग मंच सजाने की कोशिश न करें।

पार्टी के कई अन्य नेताओं ने सिद्धू के संगठन से अलग रैलियां आयोजित करने पर तीखी आपत्ति जताते हुए इसे अनुशासनहीनता बताया है। उन्होंने सिद्धू को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग भी कर डाली है। दूसरी ओर सिद्धू समर्थकों ने जवाब देते हुए सवाल किया कि सिद्धू से नजदीकी के कारण उनके साथ पार्टी में भेदभाव क्यों किया जा रहा है। सिद्धू के समर्थकों में पार्टी के कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं।

सिद्धू के बयान पार्टी के लिए नुकसानदेह

सिद्धू के अलग रैलियां आयोजित करने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू के बयानों ने पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था। पार्टी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह जीरा ने कहा कि सिद्धू की हरकतों से पार्टी की ओर से किए गए सामूहिक प्रयासों को नुकसान होता है।

उन्होंने कहा कि इसका प्रमाण यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में 78 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव में 18 सीटों पर सिमट गई। पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह दहिया ने कहा कि सिद्धू ने कांग्रेस में कभी टीम प्लेयर के रूप में कोई काम नहीं किया। वे अपनी हरकतों से हमेशा पार्टी और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराते रहते हैं।

बाजवा ने भी दी सिद्धू को नसीहत

पार्टी के वरिष्ठ नेता नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिद्धू से परिपक्वता दिखाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने आपको इज्जत दी है तो आपको उसे हजम करना भी आना चाहिए। आपको अलग रैलियां आयोजित करने का काम नहीं करना चाहिए।

आपके अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस 78 से 18 सीटों पर आ गई। उन्होंने कहा कि सिद्धू को पार्टी की ओर से आयोजित धरना और प्रदर्शन में हिस्सा लेना चाहिए। अपना अलग अखाड़ा बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

सिद्धू समर्थकों ने दिया तीखा जवाब

दूसरी ओर सिद्धू समर्थकों ने भी विरोधियों को कड़ा जवाब दिया है। सिद्धू समर्थकों ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि बाजवा साहब, हम कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूछना चाहते हैं कि पंजाब कांग्रेस के कार्यक्रमों में न तो हमें और न ही नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रित किया गया।

पोस्ट में कहा गया है कि अगर हमने कांग्रेस की बेहतरी के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के निमंत्रण पर रैली की और आठ हजार से ज्यादा की भीड़ जुटाई तो हमें प्रोत्साहित करने के बजाय हमें बुरा क्यों कहा जा रहा है? हम पदाधिकारी और कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी के उत्थान के लिए दिन-रात लगे हुए हैं।

सिद्धू समर्थकों से भेदभाव का आरोप

पोस्ट में यह आरोपी लगाया गया है कि सिद्धू से नजदीकी के कारण उनके समर्थकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। पिछले एक महीने से विपक्ष के तौर पर आपने कोई बड़ा आयोजन नहीं किया, जबकि हमने खुली रैली कर सरकार से परेशान जनता के सवालों को सरकार के सामने रखा।

सिद्धू और उनके साथ अन्य नेताओं ने बढ़ चढ़कर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया है मगर यही बात कुछ नेताओं को परेशान कर रही है। सिद्धू समर्थकों की ओर से किए गए इस पोस्ट में कई पूर्व विधायकों और पार्टी नेताओं के नाम शामिल हैं। हालांकि सिद्धू इस पूरे मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

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