NEET Paper Leak Case: चिंटू, मुकेश, एहसान और इम्तियाज...ये चार किरदार खोलेंगे राज!

NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने कार्रवाई की तेज। जांच एजेंसी ने पांचवें आरोपी को किया अरेस्ट

Update:2024-06-29 12:39 IST

NEET Paper Leak Case

NEET Paper Leak Case: जब से नीट पेपर लीक का मामला सीबीआई को सौंपा गया है, उसके बाद से जांच ऐजेंसी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू कर दी है। बिहार के इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट (ईओयू) ने अपनी जांच में हजारीबाग के जिस ओएसिस स्कूल से पेपर लीक का तार जोड़ा था, सीबीआई उस लीड पर काम करते हुए संजीव मुखिया गिरोह के पूरे प्लान को सामने लाने में जुटी है। सीबीआई ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान-उल-हक और वायस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम को अरेस्ट कर लिया है। वहीं नीट धांधली में सीबीआई ने पांचवीं गिरफ्तारी की है। सीबीआई की टीम ने हजारीबाग से एक पत्रकार को अरेस्ट किया है। सीबीआई को पेपर लीक मामले में इसकी भूमिका भी संदिग्ध लग रही है।


सीबीआई की टीम दोनों को 5 दिन की रिमांड पर लेकर आज से पटना में पूछताछ शुरू करने वाली है। जांच एजेंसी पहले से ही संजीव मुखिया के दो खास गुर्गों चिंटू और मुकेश को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। सीबीआई को इस बात की पूरी आशंका है कि हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से ही नीट का पेपर लीक हुआ और इसमें एहसान-उल-हक और इम्तियाज आलम की भूमिका थी। लीक होने के बाद पेपर माफिया संजीव मुखिया तक पहुंचा।

संजीव मुखिया ने अपने गुर्गे चिंटू को लीक हुए नीट क्वेश्वन पेपर का प्रिंट आउट कराने के लिए भेजा था। चिंटू ने पेपर सॉल्व करने के लिए रॉकी के जरिए सॉल्वर तक पहुंचाया। रॉकी ने पटना और रांची के एमबीबीएस स्टूडेंट के जरिए प्रश्न पत्र सॉल्व कराए थे। इसके बाद चिंटू नीट का पेपर और उसका आंसर प्रिंट आउट कराकर सेफ हाउस में पहुंचा जहां अभ्यर्थियों को रखा गया था। मुकेश ने अभ्यर्थियों को खेमनीचक स्थित सेफ हाउस में रखा था। उसके पास सभी अभ्यर्थियों की पहचान है।


नीट पेपर लीक मामले में ये चार किरदार सीबीआई की पूछताछ में संजीव मुखिया और पेपर लीक से जुड़े हर राज खोलेंगे। सीबीआई की टीम ने हजारीबाग में कुल 11 लोगों से तीन दिनों तक पूछताछ की है। इस दौरान कुरियर कंपनी के स्टाफ, हजारीबाग एसबीआई मेन ब्रांच के स्टाफ और ई-रिक्शा वाले से भी पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद सीबीआई ने जहां ज्यादातर लोगों को छोड़ दिया तो वहीं एहसान-उल-हक और इम्तियाज आलम को अपने साथ लेकर पटना चली आई।


यह भी है बड़ा सबूत-

हजारीबाग सेंटर के कोड वाला एक आधा जला हुआ प्रश्नपत्र पटना के उस सेफ हाउस में पाया गया था, जहां अभ्यर्थियों के एक समूह को नीट परीक्षा के एक दिन पहले ठहराया गया था। हजारीबाग में सीबीआई टीम ने ओएसिस स्कूल से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए और प्रिंसिपल एहसान उल हक से संबंधित एक लैपटॉप और दो मोबाइल फोन जब्त कर लिए। स्कूल परिसर से ढेर सारे दस्तावेज और 15 पेन ड्राइव भी जब्त किए गए। फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने शहर के मुख्य एसबीआई ब्रांच की जांच की, नीट यूजी का पेपर रखने के लिए जिसके स्ट्रांगरूम का इस्तेमाल किया गया था।


क्या है नीट परीक्षा विवाद

5 मई 2024 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। 4 जून को एनटीए ने रिजल्ट जारी किया। रिजल्ट के साथ एजेंसी ने कटऑफ और टॉपर्स भी अनाउंस कर दिए। एनटीए ने बताया कि इस साल का जनरल कैटेगरी का कटऑफ 720-164 और टॉपर्स की संख्या 67 है। नीट परीक्षा देश भर के 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित हुई थी। परीक्षा में 24 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। जैसे ही रिजल्ट जारी हुआ नीट के छात्रों व एक्सपर्ट्स ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी और इसके बाद यह मामला तूल ही पकड़ता चला गया।


किन मुद्दों पर जताया विरोध?

जब एनटीए ने टॉपर्स के पीडीएफ वेबसाइट पर अपलोड किए तो छात्रों ने सवाल करने शुरू कर दिए। छात्रों ने एजेंसी से पूछा कि जहां हर साल एक या अधिकतम दो टॉपर ही निकलते हैं, वहीं इस साल कुल 67 टॉपर हैं और इन सभी को परफेक्ट 720 अंक मिले हैं ये कैसे हुआ? यही नहीं इनमें एक ही एग्जाम सेंटर से 6 टॉपर्स होने की बात भी सामने आई। वहीं, छात्रों व एक्सपर्ट ने आगे कहा कि इस बार के बहुत से नीट टॉपर्स एक ही सेटर से हैं और परीक्षा से पहले कई सेंटर पर पर्चा लीक होने की खबर भी आई है।

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