New BJP President: सबको किया किनारे! प्रधानमंत्री की खास ये महिला नेता बनेंगी भाजपा की नयी अध्यक्ष

New BJP President: अमेठी से चुनाव हार चुकी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भारतीय जनता पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-14 07:10 GMT

New BJP President (Pic: Social Media)

New BJP President: नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने के बाद अब सभी की नजरें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर टिकी हैं। इस साल के अंत तक हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावों से पहले पार्टी जेपी नड्डा को हटाकर किसी नए नेता को भाजपा की कमान सौंपना चाहती हैं। जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते उनका कार्यकाल 6 महीने तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

स्मृति के अध्यक्ष बनने से रचेगा इतिहास

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के हलकों में चर्चा है कि इस बार कोई महिला, दलित या ओबीसी समुदाय से आने वाले नेता को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। ऐसे में अमेठी से चुनाव हारने वाली स्‍मृति ईरानी का नाम भी आगे चल रहा है। माना जा रहा है कि वह अध्‍यक्ष पद की दौड़ में बनी हुई हैं। अगर ऐसा होता है तो जनसंघ या फिर भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में यह पहली बार होगा जब पार्टी की कमान किसी महिला नेता को सौंपी जाएगी।


2024 के चुनावों में किशोरीलाल से हार चुकी हैं स्मृति ईरानी

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के किशोरी लाल ने स्मृति इरानी को एक लाख 67 हज़ार 196 मतों के बड़े अंतर से हराया था। जिस अमेठी सीट पर पिछले लोकसभा चुनावों में उनके सिर गांधी परिवार का किला भेदने का सेहरा बंधा था। लेकिन इस बार वह अमेठी में गांधी परिवार के एक क्षेत्र प्रतिनिधि से हार गईं। इस बार के लोकसभा चुनावों में अमेठी देश की उन हॉट सीटों में से थी, जिस पर बहुत से लोगों की निगाहें टिकी थीं। 


स्मृति ईरानी को मोदी सरकार में मिल चुकी हैं बड़ी जिम्मेदारियां

स्मृति इरानी 2014 में बनी नरेंद्र मोदी सरकार में पहले मानव संसाधन विकास मंत्री, फिर सूचना-प्रसारण और कपड़ा मंत्री रहीं थीं। इस दौरान उनकी डिग्री से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री के तौर पर उनके बयान ख़ासे विवादों में रहे थे। वहीं इरानी को जब सूचना प्रसारण मंत्री बनाया गया तब भी विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। उनके पद संभालने के बाद ही सूचना-प्रसारण मंत्रालय में तैनात भारतीय सूचना सेवा के तीन दर्जन से ज्यादा अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। उनमें ऐसे अधिकारी भी थे जो कुछ महीनों में ही रिटायर होने वाले थे। 


जब पीएम मोदी के खिलाफ धरने पर बैठ गईं थी स्मृति ईरानी

मीडिया रिपोर्ट के मुातबिक एक समय स्मृति इरानी नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अनशन पर बैठ गई थीं। साल 2004 में स्मृति पार्टी में नई-नई आई थीं और पार्टी के टिकट पर दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा से चुनाव हार चुकी थीं। तब उन्होंने गुजरात दंगों को लेकर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफ़े की मांग की थी और उनके ख़िलाफ़ अनशन करने की चेतावनी भी दी थी।  तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कई बार नाम लेते हुए उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी के पद न छोड़ने से वो हैरान हैं। लेकिन पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें तुरंत संदेश दिया गया कि वे अपना बयान वापस लें, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इसके बाद उन्होंने बिना शर्त के बयान वापस ले लिया था। 


राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इसके बाद कुछ समय तक स्मृति ईरानी ने पार्टी के भीतर चुपचाप काम किया, साथ ही अपने वाक कौशल के इस्तेमाल से पहचान भी बनाती रहीं।  इसके बाद इरानी को महाराष्ट्र भाजपा का महिला मोर्चा अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें टिकट नहीं मिला लेकिन तीन-चार भाषाओं पर अपनी पकड़ के इस्तेमाल से उन्होंने देश भर में पार्टी का प्रचार किया।  2010 में जब नितिन गडकरी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो स्मृति को पार्टी के राष्ट्रीय महिला मोर्चे की कमान सौंप दी गई। 


अगले ही साल वह गुजरात से राज्यसभा सांसद चुनी गईं और फिर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने लगीं। इसके बाद वह खुले तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने लगीं। जिसका नतीजा यह हुआ 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हे हारने के बाद केंद्र में मंत्री बनाया गया था। 

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