चीनी एप्स बंद करने के बाद भारत ने उठाया एक और बड़ा कदम, अब क्या करेगा चीन?

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मुद्दा अभी भी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है। चीन लगातार ऐसी हरकतें करता आ रहा है। जिससे सीमा पर तनाव कम होने की बजाये लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

Update:2020-08-01 21:37 IST

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मुद्दा अभी भी पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है। चीन लगातार ऐसी हरकतें करता आ रहा है। जिससे सीमा पर तनाव कम होने की बजाये लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

भारत ने भी उसकी अक्ल ठिकाने लगाने का काम भी अब शुरू कर दिया है। पहले चीनी एप्स पर बैन लगाया और अब उसकी पड़ोसी देश की भाषा को भी ठुकरा दिया है। हाल ही में कैबिनेट की ओर से मंजूर नई शिक्षा नीति में चाइनीज को विदेशी भाषाओं की उस सूची में शामिल नहीं किया गया है, जिन्हें सेकेंड्री स्कूल लेवल पर छात्रों को पढ़ाया जाएगा।

इस सूची में फ्रेंच, जर्मन, जापानी, कोरियन, स्पैनिश, पोर्तगीज, रसियन, और थाई को विकल्प के रूप में रखा गया है, जिन्हें छात्र चुन सकते हैं। हालांकि, पिछले साल जब नई शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया गया था तब इसमें फ्रेंच, जर्मन, जापानी और स्पैनिश के साथ चाइनीज का जिक्र भी था।

सूचना और प्रसारण मंत्री केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़केर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल की ओर से बुधवार को जारी एनईपी में चाइनीज को हटा दिया गया है।

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भारत की सैन्य शक्ति में इजाफा

 

भारतीय वायुसेना की शक्ति में बडी बढ़ोत्तरी हुई है। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमान भारतीय जमीन पर पहुंच गए हैं। हरियाणा के अंबाला एयरबेस में बुधवार को राफेल विमान लैंड हुए, जहां उनका स्वागत वाटर सैल्यूट के साथ किया गया।

इस दौरान वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे। ये विमान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में जुलाई के अंत तक शामिल किये जाने वाले हैं। संभावना है कि राफेल विमान लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जाएंगे।

इस बीच चीन से अब खबर आ रही है कि ,उसने अपने युद्पोत पर तैनात फाइटर जेट्स की क्षमता को और भी ज्यादा बढ़ा लिया है। जिसके बाद अब चीन रात में भी हमला करने में सक्षम हो गया है।

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चीनी फाइटर जेट को उड़ने और लैडिंग में ज्यादा मदद मिलेगी

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक चीन के युद्धपोत लियाओनिंग और शैनडोंग पर J-15 फाइटर जेट्स की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए जंप रैक डेक्स हैं। वह कैटापॉल्ट जैसी पुरानी तकनीक का उपयोग नहीं करता।

इससे फाइटर जेट को उड़ने और लैडिंग में ज्यादा मदद मिलती है। पीएलए नेवल मिलिट्री स्टडीज रिसर्च इंस्टीट्यूट के रक्षा विशेषज्ञ झांग जुंशी ने बताया कि अब चीन किसी भी मौसम में किसी भी समय अपने जे-15 में ईंधन भरने में सक्षम है। रात में ईंधन भरने की क्षमता विकसित करना उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

झांग जुंशी ने बताया कि इस क्षमता को विकसित करने के बाद चीन किसी भी समय किसी भी तरह के हमले को अंजाम दे सकता है। रीफ्यूलिंग तकनीक विकसित करने की वजह से जे-15 अब ज्यादा हथियार ले जा सकेंगे। जबकि, पहले फ्यूल बचाने के लिए कम हथियार लोड किए जाते थे।

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