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नेपाल ने बदली चाल: भारत-चीन के रिश्तों पर कही ये बड़ी बात...

भारत- चीन तनाव को लेकर नेपाल को ओर से बड़ा बयान सामने आया है। नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने दावा किया कि एशिया का भविष्य भारत और चीन के रिश्तों पर निर्भर करता है।

Shivani
Published on: 31 July 2020 5:49 PM GMT
नेपाल ने बदली चाल: भारत-चीन के रिश्तों पर कही ये बड़ी बात...
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नई दिल्ली: भारत- चीन तनाव को लेकर नेपाल को ओर से बड़ा बयान सामने आया है। नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने दावा किया कि एशिया का भविष्य भारत और चीन के रिश्तों पर निर्भर करता है। बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद के बाद बढ़े तनाव पर विश्वभर की नजर है। हाल में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा सरकार का चीन के लिए दरवाजे खोलना भारत विरोधी माना गया।नेपाल की तरह कई अन्य देशों का भविष्य भारत चीन के बीच के रिश्तों पर निर्भर करता है।

नेपाल के विदेश मंत्री का भारत -चीन तनाव पर बयान

दरअसल, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि 'वुहान शिखर सम्मेलन के बाद भारत और चीन के बीच साझेदारी गहरी हो गई थी, लेकिन वर्तमान में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद अब तनाव का माहौल है। हालांकि, दोनों देश तनाव को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, फिर भी चुनौतियां हैं।'

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एशिया का भविष्य चीन-भारत के रिश्तों पर निर्भर

गौरतलब है कि हाल में नेपाल में चीनी राजदूत हाओ यांकी ने अपने बयान में कहा था कि नई दिल्‍ली और काठमांडू के बीच विवाद में उनके देश (चीन) को जबरन घसीटा जाता है। नेपाल भारत सीमा के विवादित नक्शे वाले मामले में चीनी राजदूत हाओ यांकी ने कहा था कि कालापानी का मुद्दा नेपाल और भारत के बीच का है और दोनों देशों को इस मुद्दे को और ज्‍यादा जटिल बनाने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए।

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नेपाल में चीनी राजदूत बोलीं- भारत नेपाल तनाव में चीन को न घसीटने की कही बात

उन्होंने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान कहा, 'मैंने नोटिस किया है कि जब भी भारत और नेपाल के बीच संबंधों में विवाद होता है तो कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो चीन को घसीटना चाहती हैं। वे कुछ भी बेमतलब की बातें करते हैं और अफवाह फैलाते हैं। हम बहुत भ्रमित महसूस करते हैं। मैं विश्‍वास करती हूं कि इससे चीन और नेपाल के बीच दोस्‍ती में कोई बाधा आएगी।'

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हालाँकि जिस समय भारत और चीन के बीच तनाव का माहौल था, जिनपिंग सरकार भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल से दोस्ती बढ़ाने में लगा था। नेपाल और भारत के रिश्ते भी तनावपूर्ण हो गए। कहा गया कि चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए उसे सीमावर्ती देशों को उकसा रहा है।

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