Maharashtra: सार्वजनिक मंच से केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दिग्विजय सिंह की कर दी तारीफ, जानें क्या है मामला
Maharashtra News: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए दिग्विजय सिंह की धार्मिक यात्रा को लेकर जमकर तारीफ की।
Maharashtra News: देश की राजनीति में सपा पक्ष का कोई नेता विपक्ष में बैठे किसी नेता की जमकर तारीफ करे, ऐसा आज विरले ही देखने को मिलता है। दोनों पक्षों के नेता एक – दूसरे को नीचा दिखाने या उनपर राजनीतिक आक्षेप लगाने से जरा भी नहीं चुकते। मोदी सरकार के आने के बाद से सियासी जानकारों का मानना है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खाई और बढ़ी है। लेकिन गुरूवार को जो हुआ वो वर्तमान चलने के बिल्कुल विपरीत था।
महाराष्ट्र के पुणे में एक मंच पर देश की दो सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के दो कद्दावर नेता एक साथ दिखे। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की प्रशंसा की। दरअसल, ये मौका था दिवंगत कांग्रेस नेता रामकृष्ण मोरा पर लिखी एक किताब के विमोचन का। इस कार्यक्रम में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के साथ-साथ केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए थे। गडकरी ने इस दौरान भाजपा पर तीखे प्रहार के लिए जाने जाने वाले दिग्गी राजा की जमकर तारीफ की।
गडकरी ने दिग्विजय सिंह की कर दी तारीफ
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए दिग्विजय सिंह की धार्मिक यात्रा को लेकर जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, मैं आपसे छोटा हूं मगर मुझ में वैसा साहस(पैदल चलने का) नहीं है। मगर आप इतना पैदल चलते हैं (धार्मिक यात्रा के दौरान)। मैं आपको इसके लिए बधाई देता हूं। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि गडकरी को भी प्रयास करना चाहिए ताकि वह नियमित तौर पर इसमें भाग ले सकें।
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दरअसल, महाराष्ट्र में मंदिरों के शहर के नाम से विख्यात पंढ़रपुर में भगवान विट्ठल और देवी रूकमिणी का मंदिर है। ये शहर सोलापुर जिले में स्थित है। हरवर्ष राज्य के अलग-अलग कोने से यहां पहुंचने के लिए धार्मिक यात्रा निकाली जाती है जो कि आषढी एकादशी के दिन संपन्न होती है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी हर वर्ष इस धार्मिक यात्रा में शामिल होते हैं और यहां पूजा करने के लिए आते हैं।
कभी दोनों नेताओं के बीच चरम पर था मनमुटाव
ऐसा नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच मधुर शब्दों का आदान-प्रदान शुरू से है। एक जमाने में नितिन गडकरी और दिग्विजय सिंह के बीच मामला इतना तूल पकड़ लिया था कि एक पक्ष को दूसरे के खिलाफ कोर्ट जाना पड़ा। दरअसल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने साल 2012 में नितिन गडकरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके एक व्यापारिक साझेदार ने छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों से 490 करोड़ रूपये का लाभ कमाया है। उस दौरान केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार चल रही थी।
दिग्विजय सिंह के इस आरोप से नाराज नितिन गडकरी ने उनके खिलाफ अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। भाजपा नेता ने तब एमपी के पूर्व सीएम पर कोयला घोटाले को लेकर आए सीएजी की रिपोर्ट से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। हालांकि, साल 2018 में गडकरी ने अपना केस वापस ले लिया था क्योंकि बाद में दिग्वजिय सिंह ने अपने बयान पर खेद व्यक्त किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में केस वापसी की संयुक्त याचिका दाखिल की गई थी।