पटना : बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) के बीच उभरे विवाद को खत्म करने के लिए अब कांग्रेस ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच हुई बातचीत के बाद महागठबंधन के अस्तित्व पर उठ रहे सवालों पर फिलहाल 'पूर्णविराम' के संकेत मिले हैं। जद (यू) के प्रवक्ता क़े सी़ त्यागी ने शुक्रवार को बताया कि सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत की है। महागठबंधन के लिए यह शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा, "यह हमारी पूर्व से अपेक्षा रही है कि कांग्रेस इस मामले में हस्तक्षेप करे। महागठबंधन में शामिल सभी दलों को प्रयास करना चाहिए, ताकि गठबंधन बना रहे।"
इधर, जद (यू) के एक नेता की मानें तो नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच अच्छी चर्चा हुई और इस बातचीत में जद (यू) ने स्पष्ट रूप से राज्य में महागठबंधन को हर हाल में कायम रखने की बात कही।
बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और जद (यू) हैं, जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं।
जद (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 22-23 जुलाई को दिल्ली में प्रस्तावित है। इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष नीतीश भी बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली जाएंगे। माना जा रहा है कि उस समय वे कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने सात जुलाई को पटना सहित देशभर के 12 स्थानों पर छापेमारी की थी।
भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने तेजस्वी से इस्तीफे को लेकर मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने लगी। इसके बाद जद (यू) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेदाग छवि को लेकर तेजस्वी पर इस्तीफे के लिए दबाव बना रही है।
हालांकि राजद ने कई मौकों पर यह स्पष्ट कर चुकी है कि तेजस्वी के इस्तीफे का प्रश्न ही नहीं उठता है। इसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।
महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और जद (यू) शामिल हैं, जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं।