Arvinder Singh Lovely: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा

Arvinder Singh Lovely: अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2024-04-28 04:45 GMT

Arvinder Singh Lovely (Pic: Social Media)

Arvinder Singh Lovely: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के बीच बड़ा झटका लगा है। दरअसल, अरविंद सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अरविंद सिंह लवली ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि वह कई दिन से प्रदेश कार्यालय नहीं आ रहे थे। वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान को टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। इसी नाराजगी के चलते उन्होने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। 

AAP से गठबंधन के खिलाफ थे लवली

अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में तमाम बातों का जिक्र किया है। लवली का कहना है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। उनका ये भी कहना था कि दिल्ली में कांग्रेस को केवल तीन ही सीटें दी गईं। लवली की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि इन तीनों सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दे दी गई। उनका निशाना कन्हैया कुमार और उदित राज को लेकर था। 

लवली बोले खुद को महसूस कर रहा था अपंग

अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफे में लिखा कि वह कई कारणों से खुद को अपंग महसूस करते हैं और दिल्ली पार्टी इकाई के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में अपने आप को असमर्थ समझते हैं। पत्र में उन्होंने लिखा, 31 अगस्त 2023 को मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। मैंने पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली में पार्टी को फिर से स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए, जैसी कभी थी। 

लवली ने आगे लिखा कि अगस्त 2023 में जब मुझे कार्यभार सौंपा गया था तब पार्टी इकाई किस स्थिति में थी, यह सब जानते हैं। तबसे मैंने कई उपाय करके पार्टी को पुनर्जीवित करने और अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैंने सैकड़ों स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल किया, जो या तो पार्टी छोड़ चुके थे या निष्क्रिय हो गए थे। जबकि कई साल से पार्टी ने शहर में कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं की थी। मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि रैली और कार्यक्रमों के जरिए शहर की सभी 7 संसदीय सीटें कवर हो जाएं क्योंकि आम चुनावों के लिए बहुत कम समय बचा था।  

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