Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार के बेटे निशांत को लेकर अटकलें तेज, जदयू नेता का बड़ा बयान, अब CM के फैसले पर निगाहें

Bihar Politics: एक अंग्रेजी अखबार में जदयू के सूत्रों के हवाले से छपी खबर के मुताबिक निशांत कुमार सियासी मैदान में उतर सकते हैं। जद सूत्रों का कहना है कि होली के बाद वे राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2025-01-27 11:38 IST

Nitish Kumar son Nishant kumar   (photo: social media ) 

Bihar Politics: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है। निशांत की ओर से विधानसभा चुनाव के दौरान अपने पिता और उनकी पार्टी को सत्ता में लाने की अपील के बाद इन चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली है।

जद सूत्रों के मुताबिक निशांत कुमार सियासी मैदान में एंट्री के लिए तैयार हैं। बस उन्हें अपने पिता नीतीश के ग्रीन सिग्नल का इंतजार है। इस मामले में नीतीश कुमार का फैसला काफी अहम साबित होने वाला है जो अभी तक परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति पर खुलकर हमला करते रहे हैं।

नीतीश के बेटे का पहली बार बड़ा बयान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गत 17 जनवरी को बख्तियारपुर स्थित अपने पैतृक गांव में अपने पिता कविराज राम लखन सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। उस समय निशांत कुमार भी अपने पिता के साथ थे और उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान पहली बार सियासी बयान दिया था। उनका कहना था कि बिहार की जनता को उनके पिता नीतीश और उनकी पार्टी जदयू को वोट देना चाहिए।

उनका कहना था कि यदि उनके पिता को फिर सत्ता मिली तो वह बिहार के लिए अच्छा काम करेंगे। हालांकि इस दौरान उन्होंने खुद के राजनीति में उतरने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया था। उन्होंने इस सवाल को खारिज भी नहीं किया था और उसके बाद सियासी गलियारों में उनके राजनीति में सक्रिय होने की अटकलों की गूंज सुनाई देती रही है।


निशांत को लेकर मिला बड़ा संकेत

यह पहला मौका था जब निशांत ने अपने पिता की राजनीति के बारे में कोई बयान दिया था। बिहार के सियासी जानकार निशांत के इस बयान को बड़ा सियासी संकेत मान रहे हैं। इस बीच एक अंग्रेजी अखबार में जदयू के सूत्रों के हवाले से छपी खबर के मुताबिक निशांत कुमार सियासी मैदान में उतर सकते हैं। जद सूत्रों का कहना है कि होली के बाद वे राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं।

अखबार ने नीतीश कुमार के करीबी जदयू नेता के हवाले से लिखा है कि ऐसा आभास हो रहा है कि निशांत कुमार राजनीति के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। जदयू नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से निशांत कुमार को राजनीति में उतारने की मांग तेज हो रही है और इस बाबत नीतीश कुमार को भी जानकारी दी गई है। पिछले करीब एक वर्ष से सियासी गलियारों में इस संबंध में अटकलें लगाई जा रही हैं और इस बाबत आखिरी फैसला नीतीश कुमार को ही करना है।


नीतीश के करीबी जदयू नेता का बड़ा बयान

हालांकि शुरुआती दौर में जदयू ओर से निशांत कुमार को लेकर किसी भी संभावना को खारिज किया जाता रहा है मगर निशांत कुमार की ओर से जदयू को वोट देने की अपील के बाद माना जा रहा है कि उन्होंने राजनीति में उतरने का मन बना लिया है। जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने भी पिछले दिनों निशांत के राजनीति में आने का बड़ा संकेत दिया था। नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से ताल्लुक रखने वाले इस मंत्री का कहना था कि ऐसे प्रगतिशील विचार वाले युवाओं को राजनीति के मैदान में उतरना चाहिए और सभी को इस कदम का स्वागत करना चाहिए। उनका कहना था कि सही समय पर सही फैसला लिया जाएगा।


नीतीश कुमार के लिए क्या है मुश्किलें

निशांत कुमार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि वे अभी तक परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति पर तीखा हमला बोलते रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बाद उनके बेटे और बेटियों के सक्रिय होने पर भी नीतीश कुमार ने कई मौकों पर तीखा हमला बोला है। वे बिहार में अपने कार्यक्रमों के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि नीतीश कुमार अपने बेटे को राजनीति में आने का ग्रीन सिग्नल कैसे देंगे। नीतीश कुमार के फैसले पर ही निशांत का भविष्य टिका हुआ माना जा रहा है।


तेजस्वी-चिराग के बाद अब निशांत पर निगाहें

बिहार की सियासत में दूसरे दलों को देखा जाए तो राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की विरासत उनके बेटे तेजस्वी यादव संभाल चुके हैं। तेजस्वी यादव नीतीश की कैबिनेट में डिप्टी सीएम रह चुके हैं और उन्हें विपक्षी महागठबंधन की ओर से सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है। तेजस्वी यादव इन दोनों बिहार के विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे हैं और इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश पर तीखा हमला बोल रहे हैं।

इसी तरह लोजपा नेता रामविलास पासवान की विरासत उनके बेटे चिराग पासवान ने संभाल रखी है। चिराग पासवान इन दिनों एनडीए के साथ हैं और पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी ने बिहार की पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। इन दो युवा चेहरों के बाद अब सबकी निगाहें नीतीश कुमार के बेटे निशांत पर लगी हैं और यह देखने वाली बात होगी कि निशांत को लेकर नीतीश कुमार आने वाले दिनों में क्या फैसला लेते हैं।

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