किसानों के लिए यहां खुला स्पेशल मैरिज ब्यूरो, खासियत जानकर कहेंगे Wow!
बता दें कि जिनका पूरा परिवार ही कृषि पर आधारित है वे मुश्किल से किसी दुल्हन को खोज पाते हैं। इतना ही नहीं यदि कोई अधिक शिक्षित किसान मैरिज ब्यूरो में अपना नाम दर्ज कराता है तो उसे जवाब ही नहीं मिलता है।
करीमनगर: तेलंगाना के करीमनगर जिले का नाम आजकल हर किसी की जुबान पर है। बात ही कुछ ऐसी है कि लोग दूरदराज के इलाकों से लम्बी दूरी तय कर बिना थके और रुके यहां पहुंच रहे हैं। लोगों की भारी भीड़ यहां दिन-दिन भर जुटी रह रही है।
दरअसल करीमनगर टाउन के उपनगरी इलाके स्थित टिम्मापुर गांव में एक कृषक के. अंजी रेड्डी ने किसानों के लिए दुल्हन ढूंढने के लिए बीते दिनों एक्सक्लूसिव मैरिज ब्यूरो खोला है।
मैरिज ब्यूरो का नाम “रयाथु मैरिज ब्यूरो” रखा गया है, जो किसी भी जाति, धर्म और मजहब से परे है और इसका मकसद सिर्फ किसानों की मदद करना है।
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40 वर्षीय किसान के दिमाग में आया ये अनोखा आइडिया
बता दें कि आज के दौर में जब बच्चों के माता –पिता अपने बेटी के लिए काफी पढ़े-लिखे, आकर्षक नौकरी और बड़े बैंक बैलेंस की उम्मीद करते हैं, तेलंगेना के करीमनगर जिल में एक 40 वर्षीय किसान ऐसे युवाओं के लिए दुल्हन ढूंढने के लिए पहल की है, जिन्होंने कृषि को अपना रोजगार बनाया है।
इस बारे में मीडिया से बात करते हुए रेड्डी कहते हैं कि अपने देश के अंदर हर हिस्से में सभी जाति, धर्म और समुदायों के लिए मैरिज ब्यूरो खुला हुआ है।
लेकिन, मैंने देखने पर ये पाया कि अधिकांश लोग जिन्होंने मैरिज ब्यूरो में अपना नाम दर्ज कराया वो कर्मचारी, व्यवसायी, इंजीनियर, डॉक्टर्स और अन्य पेशे से जुड़े लोग हैं। किसी भी किसान का नाम मुझें मैरिज ब्यूरो में नजर नहीं आया है।
उन्होंने ये भी कहा कि यदि कुछ कृषक मैरिज ब्यूरो में अपना नाम भी लिखाते हैं तो वे बड़े जमींदार होते हैं जिनका कुछ अन्य कारोबार भी होता है।
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आज किसानों को रिश्ता तलाशने में हो रही मुश्किलें
उन्होंने कहा- “ऐसे लोग जिनका पूरा परिवार ही कृषि पर आधारित है वे मुश्किल से किसी दुल्हन को खोज पाते हैं। इतना ही नहीं यदि कोई अधिक शिक्षित किसान मैरिज ब्यूरो में अपना नाम दर्ज कराता है तो उसे जवाब ही नहीं मिलता है। यही वजह है कि मैंने किसानों के लिए एक्सक्लूसिव मैरिज ब्यूरो को खोलने का मन बनाया।
उन्होंने ये भी कहा कि पहले गांवों के अंदर खेती-किसानी का काम एक सम्मानजक पेशा हुआ करता था और गांवों में बहू तलाशने में ज्यादा कठिनाई नहीं आती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है।”
आजकल तो किसानों कि बेटियां भी काफी पढ़ी लिखी और महत्वाकांक्षी हो गई हैं। वे शिक्षित और नौकरी-पेशा वाले लड़के ही तलाशती हैं। यही वजह है कि जिन युवाओं ने कृषि को अपने पेशे को तौर पर अपनाया है उन्हें शादी के लिए बहुएं आसानी से नहीं मिल रही है।
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