JNU : अब जेएनयू में खुलेंगे हिन्दू, बौद्ध और जैन स्टडी केंद्र, प्रशासन ने दी मंजूरी

कार्यकारी परिषद की बैठक में एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली तथा विश्वविद्यालय में इसके आगे के कार्यान्वयन पर अन्वेषण और अनुशंसा करने तथा संस्कृत और भारतीय अध्ययन विद्यालय के भीतर अध्ययन केन्द्रों की स्थापना करने के लिए गठित समिति की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है।

Report :  Rajnish Verma
Update: 2024-07-12 06:03 GMT

JNU : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में जल्द ही हिंदू, बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। यह नोटिस विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार की ओर से जारी किया गया है।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के रजिस्ट्रार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि कार्यकारी परिषद ने 29 मई, 2024 को आयोजित बैठक में एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली तथा विश्वविद्यालय में इसके आगे के कार्यान्वयन पर अन्वेषण और अनुशंसा करने तथा संस्कृत और भारतीय अध्ययन विद्यालय के भीतर निम्नलिखित केन्द्रों की स्थापना करने के लिए गठित समिति की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है। इसके तहत हिंदू अध्ययन केन्द्र, बौद्ध अध्ययन केन्द्र और जैन अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन नए अध्ययन केंद्रों की शुरुआत शैक्षिक सत्र 2025-26 होगी।

सीयूईटी के आधार पर मिलेगा प्रवेश

ये तीनों सेंटर स्कूल और संस्कृत एंड इंडिग स्टडीज के अंतर्गत स्थापित किए जाएंगे। इन तीनों अध्ययन केंद्रों में छात्र परास्नातक की डिग्री ले सकेंगे। इसके साथ ही पीएचडी भी कर सकेंगे, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बाबत तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन कोर्सेज में प्रवेश के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के स्कोर के आधार पर प्रवेश मिलेगा।

‘विकसित भारत’ की तरफ एक कदम

जेएनयू के कुलपति ने कहा कि इन सेंटरों के स्थापित होने से हम परंपरा के साथ आधुनिकता को और आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह विकसित भारत के मसौदे की ओर एक नया कदम बढ़ाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विजन को लागू करना विश्वविद्यालय का पएक प्रयास है, जहां पारम्परिक भारतीय ज्ञान को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाएगा।

इतनी होंगी सीटें

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को अभी कई काम करने हैं, जिनकी प्लानिंग हो चुकी है, लेकिन लागू करना अभी बाकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कोर्सेज की शुरुआत में 20-20 सीटें रखी जा सकती है, हालांकि बाद में संख्या बढ़ सकती है। अभी पाठ्यक्रम की रूखरेखा नहीं बनी है, जो जल्द की तैयार होने की संभावना है।

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