Suprem Court: अब जजों के रिश्तेदार नहीं बनेंगे हाई कोर्ट के जज! कॉलेजियम ला सकता है प्रस्ताव

Suprem Court: ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि एक आम धारणा है कि इन वकीलों को पहली पीढ़ी के वकीलों की तुलना में जज बनने की प्रक्रिया में प्राथमिकता मिलती है।

Report :  Network
Update:2024-12-30 13:30 IST

Supreme Court (social media) 

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम नए प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। माना जा रहा हे कि कॉलेजियम इस तरह के प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है जिसमें जजों के रिश्तेदार को हाईकोर्ट का जज नहीं बनाया जाए। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव के तहत, मौजूदा या पूर्व संवैधानिक न्यायालय के जजों के परिवार के सदस्यों को हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश फिलहाल रोकी जा सकती है। ऐसा इसलिए किया जा सकता है कि एक आम धारणा रहती है कि इन वकीलों को पहली पीढ़ी के वकीलों की तुलना में जज बनने की प्रक्रिया में प्राथमिकता मिलती है। दिसंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट जजों के लिए सिफारिश किए गए वकीलों के साथ बातचीत भी करनी शुरू कर दी है। ऐसा उनकी उपयुक्तता और क्षमता का आकलन करने के लिए किया जा रहा है।

2015 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया NJAC

अक्टूबर 2015 में, सुप्रीम कोर्ट की पांच-जजों की संवैधानिक पीठ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को रद्द कर दिया था। NJAC को संसद द्वारा सर्वसम्मति से कॉलेजियम प्रणाली को बदलने के लिए लाया गया था। कॉलेजियम प्रणाली, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के चयन को नियंत्रित करती है। NJAC को रद्द करने के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने जजों के चयन की अपारदर्शी प्रक्रिया में कुछ पारदर्शिता लाने की कोशिश की है।

चयन प्रक्रिया को लेकर उठते रहे हैं सवाल

जजों के चयन प्रक्रिया को लेकर अक्सर सवाल भी उठते रहे हैं। NJAC की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान भी इस तरह के सवाल सामने आए थे। कई लोगों का मानना था कि जजों द्वारा जजों का चयन करने की प्रणाली ’आप मेरी पीठ खुजाओ, मैं तुम्हारी खुजाऊंगा। जैसी प्रथा को बढ़ावा देती है। इससे चयन प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं। क्योंकि मौजूदा या पूर्व संवैधानिक न्यायालय के जजों के कई बच्चों को हाईकोर्ट के जजों के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी। NJAC की सुनवाई के दौरान एक वकील ने दावा किया था कि 50 प्रतिशत हाईकोर्ट के जजों के करीबी रिश्तेदार पूर्व या वर्तमान संवैधानिक न्यायालय के जज थे।

जज ने दिया कॉलेजियम के लिए सुझाव

इस धारणा को मिटाने के लिए कि योग्यता से ज्यादा वंश को महत्व दिया जाता है या न्यायिक अधिकारी को हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश में पहली पीढ़ी के वकीलों पर प्राथमिकता दी जाती है, कॉलेजियम के एक जज ने हाल ही में एक विचार रखा। उन्होंने हाई कोर्ट के कॉलेजियम को निर्देश देने का सुझाव दिया कि वे ऐसे वकीलों या न्यायिक अधिकारियों की सिफारिश न करें जिनके माता-पिता या करीबी रिश्तेदार सुप्रीम कोर्ट या उच्च न्यायालयों के जज थे हैं।

इस जज का प्रस्ताव अन्य लोगों को भी पसंद आया और तब से तब से यह कॉलेजियम के अन्य सदस्यों के बीच एक खुली बहस का विषय बन गया है। कॉलेजियम में सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस बी आर गवई, सूर्यकांत, हृषिकेश रॉय और ए एस ओका शामिल हैं। वे यह भी जानते हैं कि कुछ योग्य उम्मीदवार, जो वर्तमान या पूर्व सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जजों के करीबी रिश्तेदार हैं, इस प्रस्ताव से वंचित हो सकते हैं।

Tags:    

Similar News