PM मोदी से मिले पन्नीरसेल्वम, AIADMK के दोनों धड़ों को मिलाने की कोशिश तेज

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दोनो धड़े को एक करने के लिए अब पीएम नरेंद्र मोदी ने पहल की है और इस सिलसिले में एक धड़े के नेता तमिलनाडु के पूर्व सीएम ओ. पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को पीएम से मुलाकात की।

Update:2017-05-20 13:38 IST

नई दिल्ली: ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दोनो धड़े को एक करने के लिए अब पीएम नरेंद्र मोदी ने पहल की है और इस सिलसिले में एक धड़े के नेता तमिलनाडु के पूर्व सीएम ओ. पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को पीएम से मुलाकात की।

पन्नीरसेल्वम के साथ पीएम ने तमिलनाडु के राजनीतिक हालात के अलावा जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके में हुए विभाजन और दोनों गुटों के फिर से एक होने के मुद्दे पर चर्चा की।

पन्नीरसेल्वम ने मोदी से कावेरी नदी जल प्राधिकरण के संविधान को अधिसूचित करने, खुदकुशी करने वाले किसानों को वित्तीय राहत प्रदान करने, सूखा राहत कार्यो के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और जल योजनाओं के लिए आपात मदद मुहैया कराने की अपील की क्योंकि राज्य सूखे की चपेट में है।

दूसरी ओर पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़े ने निर्वाचन आयोग से वी.के. शशिकला की पार्टी महासचिव पद पर नियुक्ति को अवैध घोषित किए जाने और कोषाध्यक्ष डिंडूगल श्रीनिवासन द्वारा बैंकों में जमा पार्टी कोष से पैसे निकालने पर रोक लगाने की मांग की।

हालांकि, सीएम पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले गुट से विलय की बाचतीत को खारिज करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जब तक शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से औपचारिक तौर पर निष्कासित नहीं किया जाता, पार्टी के दोनों धड़ों के विलय पर बातचीत संभव नहीं है।

पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और पार्टी के चुनाव चिन्ह 'दो पत्ती' पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए अयोग को और दस्तावेज सौंपे।

प्रतिनिधिमंडल ने जयललिता के निधन के बाद शशिकला को पार्टी का महासचिव बनाए जाने को 'अवैध' घोषित करने को लेकर आयोग को 170 पन्नों का एक ज्ञापन सौंपा। उसने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर एआईएडीएमके के महासचिव पद पर किसी भी व्यक्ति के नाम के न होने का हवाला देते हुए कहा कि इस नियुक्ति को (शशिकला की) अवैध घोषित किया जाना चाहिए।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि निर्वाचन आयोग को जल्द ही इस पर फैसला लेना चाहिए, क्योंकि आयोग की वेबसाइट पर महासचिव के रूप में अभी भी किसी के नाम का उल्लेख नहीं है, क्योंकि उसने शशिकला की नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि आयोग को पार्टी कोषाध्यक्ष डिंडूगल श्रीनिवास की शक्तियों में हस्तक्षेप करना चाहिए और उसे छीन लेना चाहिए, जिन्होंने पार्टी कोष से करोड़ों रुपए की निकासी की है। पूर्व सीएम ने कहा कि शशिकला द्वारा उन्हें कोषाध्यक्ष पद पर नियुक्ति भी अवैध है।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि पार्टी के संविधान के हिसाब से जयललिता के निधन के बाद पार्टी के संचालन की मंजूरी उन्हें मिलनी चाहिए, क्योंकि जब भी असामान्य परिस्थितियां आईं, जयललिता मानक प्रकिया अपनाती थीं।

असामान्य मौकों पर पार्टी के संचालन के लिए जयललिता प्रेसीडियम चेयरमैन और कोषाध्यक्ष नामित करती थीं और इस तरह से पार्टी के संचालन की मंजूरी उन्हें मिलनी चाहिए।

पूर्व सीएम ने कहा, "हमारे गुट ने दिवंगत एमजीआर और जयललिता के इस सिद्धांत को बरकरार रखने के लिए धर्मयुद्ध शुरू किया है कि पार्टी की कमान किसी परिवार के हाथ में नहीं होनी चाहिए, कम से कम शशिकला और दिनाकरन के हाथों में तो बिल्कुल नहीं। यहां तक कि पार्टी का आधिकारिक मुखपत्र 'नामाधु एमजीआर' उप महासचिव दिनाकरन के नाम से बयान जारी कर रहा है।"

उन्होंने कहा, "पार्टी में अभी भी बेनामी शक्तियों का राज है। सीएम ने अभी भी शशिकला और दिनाकरन को पार्टी से निष्कासित नहीं किया है। केवल मध्यम कद के नेता ऐसा बोल रहे हैं। हमारी दो मांगें हैं, जयललिता के मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराई जाए तथा शशिकला और दिनाकरन को पार्टी से बाहर निकाला जाए। एक बार जब यह हो जाएगा, तो विलय के लिए बातचीत की राह आसान हो जाएगी।"

उन्होंने कहा कि जिस दिन सीएम के नेतृत्व वाला गुट शशिकला और दिनाकरन को बाहर निकालने की घोषणा कर देगा, उसी दिन विलय पर आराम से बातचीत होगी।

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