टैक्स की दर पर वित्त मंत्री का बयान, कहा-इस तरह लोगों पर होगा बोझ कम...
टैक्स को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर व्यवस्था में 127 प्रकार की छूट है। ऐसे में कोई कर्मचारी नौकरी करेगा या यह देखेगा कि टैक्स बचाने के लिए कहां निवेश करें। इसलिए आयकर घटाकर छूट खत्म करने की व्यवस्था की गई है।
नई दिल्ली टैक्स को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर व्यवस्था में 127 प्रकार की छूट है। ऐसे में कोई कर्मचारी नौकरी करेगा या यह देखेगा कि टैक्स बचाने के लिए कहां निवेश करें। इसलिए आयकर घटाकर छूट खत्म करने की व्यवस्था की गई है। बजट के बाद वित्तमंत्री ने कहा कि टैक्स की दर जितनी कम होगी, लोगों पर बोझ उतना ही कम होगा।
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उन्होंने कहा, प्रत्यक्ष कर में एक्जंप्शन ही एक्जंप्शन हैं और ऐसे में उन्हें कर जमा करने के लिए विशेषज्ञ की सेवाएं लेनी होंगी। कुछ यही स्थिति कर अधिकारियों की भी है, जिन्हें देखना पड़ता है कि करदाता ने किस छूट का लाभ लिया है। उन्होंने कहा, इसका एक ही निदान है कि एक्जंप्शन खत्म करो और कम दर से कर का भुगतान करो।
वित्तमंत्री ने कहा, नई योजना में ऐसे लोगों को फायदा होगा, जो पुरानी योजना में ज्यादा कर का भुगतान कर रहे थे। अगर किसी को फायदा नहीं होगा तो कोई नई व्यवस्था से क्यों जुड़ेगा। उन्होंने नई योजना का बचाव करते हुए कहा कि इसका फायदा आयकर की चुनिंदा ब्रैकेट में आने वाले लोगों को ही मिलेगा, क्योंकि इसमें कर की छूट ज्यादा है।
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टैक्स देने वालों पर बोझ कम हो, इसलिए बजट में आयकर चार्टर लाने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा, पिछले साल जुलाई में बजट पेश किए जाने के बाद करदाताओं के उत्पीड़न की बातें सामने आई थीं। उसके बाद कर अधिकारियों को महज लक्ष्य पूरा करने के लिए किसी का उत्पीड़न नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।
सीतारमण ने कहा, अब करदाताओं का उत्पीड़न कम करने के लिए दूसरे विभागों में बने सिटीजन चार्टर की तरह आयकर चार्टर बनाने का विचार आया है। इसके लिए अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के प्रावधानों का अध्ययन किया। हम करदाताओं को ईमानदार मानते हैं और उनपर भरोसा करते हुए ऐसा कर रहे हैं।