पाकिस्तान और खूंखार आतंकी: यहां गिरा रहे भयानक हथियार, हमले से Alert सेना

जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की साजिशों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने नया आयाम देने की योजना बनाई है। घाटी के सांबा जिले में ड्रोन से हथियार गिराने के लिए पाकिस्तान ने अपनी चालबाजियों में तेजी लाया है।

Update: 2021-01-20 11:58 GMT
जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की साजिशों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने नया आयाम देने की योजना बनाई है। घाटी के सांबा जिले में ड्रोन से हथियार गिराने के लिए पाकिस्तान ने अपनी चालबाजियों में तेजी लाया है।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की साजिशों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने नया आयाम देने की योजना बनाई है। घाटी के सांबा जिले में ड्रोन से हथियार गिराने के लिए पाकिस्तान ने अपनी चालबाजियों में तेजी लाया है। बता दें, जम्मू-कश्मीर में सांबा से जाने वाली हाईवे अंतरराष्ट्रीय सीमा से सबसे पास पड़ती है। जबकि विजयपुर में एम्स के नजदीक हाईवे की जीरो लाइन से दूरी बहुत मुश्किल से छह किलोमीटर ही है। ऐसे में अब इसी नजदीकी को भुनाने के लिए पाकिस्तान ने इस बीच सुरंगें खोदने और ड्रोन से हथियार गिराने के सिलसिले में तेजी लाया है।

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आतंकियों का रूट

घाटी में ड्रोन से हथियार गिराने की ताजा घटना भी इसी क्रम को दर्शाती है। दरअसल नगरोटा में मारे गए आतंकियों का रूट भी सांबा जिले में खोदी गई सुरंग से जुड़ा था। जिसमें कई बार ड्रोन से हथियार गिराने की घटनाएं भी हो चुकी हैं।

इसके साथ ही बसंतर और देविका नदी जिस जगह आपस में मिलती हैं, उससे बिल्कुल पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पड़ती है। ऐसे में इसी नदी इलाके को आतंकी गतिविधियाें के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। इस रूट से हाईवे और सीमा की दूरी छह किलोमीटर से भी कम है।

 

 

फोटो-सोशल मीडिया

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आतंकी साजिशों को अंजाम देने के लिए

इस बारे में रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सुरंग से आतंकी घुसपैठ होने पर आतंकियों के लिए हाईवे तक पहुंचने का फासला अन्य इलाकों की अपेक्षा में काफी कम है। और यही कारण है कि सीमा पार से आतंकी साजिशों को अंजाम देने के लिए सांबा सेक्टर में हलचल तेज की गई है।

लेकिन हाईवे के दोनों तरफ नदी का क्षेत्र है जबकि उत्तर दिशा में जंगल क्षेत्र है, जिसे संदिग्ध गतिविधियाें के लिए उपयोग किया जा रहा है। वहीं बंसतर व देविका नदी क्षेत्र आतंकी घुसपैठ के पुराने मार्ग रह चुके हैं। और अब इन्हीं मार्गों को आतंकी फिर से दोबारा सक्रिय करने की फिराक में लगे हुए हैं।

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