Parliament Monsoon Session: मणिपुर पर चर्चा के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तैयार, फिर भी संसद ठप, आखिर कहां फंसा पेंच

Parliament Monsoon Session: पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्ष ने सोमवार को दोनों सदनों में प्रदर्शन भी किया। आप नेता संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से संसद परिसर में रातभर विरोध प्रदर्शन किया गया।

Update:2023-07-25 10:50 IST
Parliament Monsoon Session (photo: social media )

Parliament Monsoon Session: मणिपुर में जारी हिंसा और महिलाओं के साथ दरिंदगी के मुद्दे पर संसद के मानसून सत्र के दौरान जमकर हंगामा हो रहा है। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है। पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्ष ने सोमवार को दोनों सदनों में प्रदर्शन भी किया। आप नेता संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से संसद परिसर में रातभर विरोध प्रदर्शन किया गया।

मानसून सत्र की शुरुआत से पहले हुई सर्वदलीय बैठक से ही मोदी सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कर रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद में स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं मगर विपक्ष चर्चा नहीं होने दे रहा है। जब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों चर्चा के लिए तैयार हैं तो ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिरकार पेंच कहां फंसा हुआ है।

अमित शाह और राजनाथ ने स्पष्ट किया रुख

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में सोमवार को आरोप लगाया कि मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष चर्चा से भाग रहा है। विपक्षी सांसदों के शोर-शराबे के बीच उन्होंने कहा कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर पहले दिन से ही चर्चा के लिए तैयार है। देश को सच्चाई का पता लगना चाहिए, लेकिन यह बात समझ से परे है कि आखिरकार विपक्ष चर्चा और बहस से क्यों भाग रहा है। चर्चा से ही सच सामने आएगा। इसलिए विपक्षी सांसदों को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होने देनी चाहिए। हालांकि विपक्षी सांसदों ने उनकी अपील अनसुनी कर दी और सदन में हंगामा और नारेबाजी जारी रही।

गृह मंत्री अमित शाह से पूर्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सदन में यह स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उनका कहना था कि सरकार ने अपना पक्ष सर्वदलीय बैठक के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था। हम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं मगर विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देना चाहता।

नियम 267 और 176 का पेंच

दरअसल सरकार की ओर से मणिपुर के हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात तो कही जा रही है मगर असली पेंच बहस के नियम को लेकर फंसा हुआ है। विपक्ष की मांग है कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा नियम 267 के तहत की जानी चाहिए जिसके बाद वोटिंग का प्रावधान है। दूसरी ओर सरकार नियम 176 के तहत चर्चा कराने के लिए तैयार है जिसके बाद वोटिंग नहीं होती।

सरकार इस मुद्दे पर सिर्फ 150 मिनट चर्चा के लिए तैयार है। दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि यह गंभीर मुद्दा है और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय सीमा नहीं तय की जानी चाहिए। सभी दलों से जुड़े सांसदों को इस मुद्दे पर अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए। विपक्ष बहस के बाद वोटिंग कराने की मांग पर भी अड़ा हुआ है जबकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।

विपक्ष पीएम मोदी के बयान पर अड़ा

मणिपुर हिंसा के मामले में एक और बड़ा पेंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर फंसा हुआ है। सरकार का कहना है कि मणिपुर के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह सदन में बयान देंगे जबकि विपक्ष पीएम मोदी के बयान पर अड़ा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के धरने के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री ने सदन के बाहर मणिपुर के मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्हें सदन में मणिपुर के संबंध में बोलना चाहिए। प्रधानमंत्री के रूप में यह उनका कर्तव्य है।

खड़गे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हम इस माह गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के प्रस्ताव को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री के बयान के बाद इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत विस्तृत चर्चा कराई जानी चाहिए। हमें इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

सिर्फ मणिपुर के मुद्दे पर ही चर्चा चाहता है विपक्ष

सरकार और विपक्ष के बीच एक पेंच यह भी फंसा हुआ है कि विपक्ष सिर्फ मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा चाहता है जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि राजस्थान और पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर भी संसद में चर्चा होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इसलिए चर्चा से भाग रहा है क्योंकि उन्हें अपने राज्यों में भी महिलाओं के साथ हो रही जघन्य घटनाओं पर चर्चा करनी होगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी महिलाओं के साथ अमानवीय घटनाएं हुई हैं मगर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहते। इन राज्यों पर चर्चा से उनकी सरकारों की कलई खुल जाएगी।

राजनाथ की पहल,फिर भी संसद चलने के आसार नहीं

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से सोमवार को आप के सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद यह मामला और गरमा गया है। हालांकि गतिरोध तोड़ने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहल की है। उन्होंने मलिकार्जुन खड़गे,अधीर रंजन चौधरी और टी आर बालू समेत विपक्ष के कई नेताओं से चर्चा की है।

दूसरी ओर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा हुआ है और ऐसे में संसद के सुचारू रूप से चलने के आसार काफी कम दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में मणिपुर के मुद्दे पर संसद में आगे भी हंगामा जारी रहने के आसार हैं।

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