‘मोदी जी की दुनिया में सत्य को मिटाया जा सकता, लेकिन....’, कार्यवाही से भाषण के कुछ हिस्से हटाने पर भड़के राहुल

Parliament Session 2024: संसद भवन परिसर पर मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुझे जो कुछ भी कहना था, मैंने कह दिया है और यह सच है

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-02 07:45 GMT

Rahul Gandhi (सोशल मीडिया) 

Rahul Gandhi: संसद की कार्यवाही से राहुल गांधी के कई भाषणों को हटा दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की गई इस कार्रवाई पर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया है। राहुल ने कहा कि मोदी जी की दुनिया में, सत्य को मिटाया जा सकता है, लेकिन वास्तव में, सत्य को मिटाया नहीं जा सकता।

चाहे जितना मिटा लें, सच्चाई कायम रहेगी

संसद भवन परिसर पर मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुझे जो कुछ भी कहना था, मैंने कह दिया है और यह सच है। वे जितना चाहें उतना मिटा सकते हैं, लेकिन सच्चाई कायम रहेगी। कांग्रेस नेता सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

इन मुद्दों पर राहुल भाजपा पर भड़के

द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान निचले सदन में अपने भाषण में राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर हिंसा और नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने NEET विवाद, अग्निपथ योजना, मणिपुर हिंसा और अल्पसंख्यकों सहित अन्य मुद्दों पर भी सरकार पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत अन्य लोगों ने अपना विरोध जताया और कांग्रेस सांसद की टिप्पणी का खंडन किया।

पीए मोदी और शाह ने की कड़ी आलोचना

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सांसद पर झूठ बोलने, सदन को गुमराह करने और पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक बताने का आरोप लगाया। हिंदू को हिंसक बताने पर प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की आलोचना की। मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी से माफ़ी मांगने की मांग की।

इन शब्दों का हटाया गया भाषण से

बता दें कि बीते सोमवार को संसद में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोले होते हुए राहुल गांधी के जिन शब्दों को हटाया गया है। उसमें पार्टी अल्पसंख्यकों के साथ गलत व्यवहार करना, हिंसा का बढ़ावा देना के साथ उद्योगपतियों अडानी और अंबानी और अग्निवीर योजना पर की गई टिप्पणी शामिल है।

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