शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन, RS-LS की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित
नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र का शुक्रवार 16 दिसंबर को आखिरी दिन है। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। नवंबर 16 से इस सत्र की शुरुआत हुई थी। नोटबंदी के बाद से पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। शुक्रवार को भी हंगामा हुआ है। पीएम मोदी शुक्रवार को राज्यसभा में मौजूद थे। सदन की कार्यवाही से पहले मोदी ने शुक्रवार को संसदीय दल की बैठक की।
गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। लोकसभा में विपक्ष नोटबंदी पर और सत्तापक्ष अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे पर चर्चा की मांग करता रहा।
आडवाणी हुए थे नाराज
संसद में जारी हंगामे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार फिर नाराजगी जाहिर की। विपक्ष के रवैए से आडवाणी इतने दुखी हुए कि उन्हें कहना पड़ा, ‘सोचता हूं संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दूं।’ गौरतलब है कि इससे पहले भी आडवाणी ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
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गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित होने से लालकृष्ण आडवाणी खासे नाराज दिखे। लोकसभा में आडवाणी ने कुछ सांसदों से बातचीत की। टीएमसी सांसद इद्रिस अली ने कहा, मुझसे बातचीत के दौरान आडवाणी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मैं इस्तीफा दे दूं। आज अगर अटलजी भी संसद में होते तो वे इससे नाराज होते। आडवाणी ने कहा कि ‘सरकार और विपक्ष इसे हार-जीत के तौर पर न देखे। चर्चा होनी चाहिए। किस नियम के तहत चर्चा हो यह जरूरी नहीं।’
आखिरी दिन सदन चलने दिया जाए
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद बीजेपी नेता कुछ देर तक सदन में ही बैठे रहे। उन्होंने राजनाथ सिंह से बातें की। इस दौरान स्मृति इरानी भी मौजूद रहीं। इस दौरान आडवाणी ने राजनाथ सिंह से कहा, ‘कम से कम आखिरी दिन संसद चलाने की कोशिश होनी चाहिए। स्पीकर को दोनों पक्षों के नेताओं को बुलाकर बात करनी चाहिए।’