Insult Of Raja Jai Singh: जयपुर शहर को बसाने वाले सवाई राजा जयसिंह को बताया गया मुगलों का नौकर, लोग भड़के
Insult Of Raja Jai Singh: समरकंद की वेधशाला के बाहर लिखे गए शिलालेख में आमेर के राजा जयसिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है, जिसे लेकर भारतीयों में खासी नाराजगी है।
Insult Of Raja Jai Singh: उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) का शहर समरकंद हाल ही में संपन्न हुई एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO Summit) को लेकर चर्चा में रहा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिन के समरकंद दौरे पर थे। वैसे भी उज्बेकिस्तान का भारत के साथ संबंध सैंकड़ों साल पुराना रिश्ता है। हिंदुस्तान में मुगल वंश की नींव रखने वाला बाबर यहीं से आया था। लेकिन अब उज्बेकिस्तान का समरकंद शहर दूसरे कारण से चर्चा में है।
समरकंद की वेधशाला के बाहर लिखे गए शिलालेख में आमेर के राजा जयसिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है, जिसे लेकर भारतीयों में खासी नाराजगी है। इस शिलालेख में मिर्जा राजा जय सिंह को बाबर के वंशज मोहम्मद शाह का नौकर बताया गया है। साथ ही इसके अंदर साईटेशन में भी ये बात लिखी हुई है। बता दें कि सवाई जयसिंह एक शासक के साथ –साथ खगोलशास्त्री भी थे। उन्होंने देशभर में पांच वेधशालाओं का निर्माण करवाया था।
क्या लिखा है शिलालेख में
समरकंद की वेधशाला के बोर्ड पर शिलालेख में लिखा है –भारत में 17वीं शताब्दी में राज करने वाले मिर्जा बाबर ने अपने पूर्वज मिर्जा उलूग बेग की साइंटिफिक हेरिटेज पर खास ध्यान दिया। बाबर के वशंज मोहम्मद शाह ने 18वीं शताब्दी में महल के नौकर और खगोलविद् सवाई जयसिंह को जयपुर, बनारस में वेधशालाएं बनाने का आदेश दिया। उनमें समरकंद के उपकरणों की नकल की गई है।
केसीआर की बेटी ने ट्वीट कर जताया विरोध
इस मामले को सबसे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K Chandrashekhar Rao) की बेटी के. कविता ने उठाया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ये तस्वीरें एक दोस्त से मिलीं। यह समरकंद वेधशाला से है। हमारे सम्मानित ऐतिहासिक व्यक्ति को "नौकर" के रूप में संबोधित करना भारत की गरिमा के खिलाफ है। मेरा प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री से आग्रह है कि इसे उज्बेकिस्तान सरकार के सामने रखें और इसमें संशोधन करवाएं।
उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस बारे में लिखे खत को भी ट्वीटर पर शेयर किया है।
जयपुर राजघराने की प्रतिक्रिया
जयपुर राजघराने की सदस्य और बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने भी इसपर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। दीया कुमारी ने कहा कि हमारे इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है। कांग्रेस के शासनकाल से ऐसा ही होता आया है । कई जगह गलत तरीके से शिलालेख लगी है। मैंने इस संबंध में सरकार को चिट्ठी लिखी है।
बता दें कि आमेर के राजा सवाई राजा जयसिंह ने सवाई जयनगर नामक शहर सन् 1700 में बसाया था। सवाई जयनगर को ही बाद में जयपुर के रूप में प्रसिद्धि मिली। मात्र 12 वर्ष की उम्र में राजगद्दी पर बैठने वाले राजा जयसिंह द्वितीय को 18वीं सदी में भारत में राजस्थान प्रांत और आमेर राज्य के सबसे प्रतापी शासक के तौर पर माना जाता था।