तो मरने वाले हैं आप! 7 साल पहले ही अगर नहीं कर रहें हैं ये काम

आज-कल के बढ़ती जनसंख्या की वजह से वातावरण में काफी बदलाव आ रहें हैं। त्योहारों के बाद तो और प्रदूषण फैलता दिखाई देता है।

Update: 2019-11-01 05:50 GMT

लखनऊ: आज-कल के बढ़ती जनसंख्या की वजह से वातावरण में काफी बदलाव आ रहें हैं। त्योहारों के बाद तो और प्रदूषण फैलता दिखाई देता है। हर तरफ धूंआ-धूंआ नजर आ रहा है। यही धूंआ सबसे ज्यादा हमारे शारीर को नुकसान पहुंचता है और ऐसा बताया भी जा रहा है कि अगर हमने इस बार काबू नहीं पाया तो हमें जल्द ही अपनी लाइफ से हाथ धोना पड़ेगा। दिन-पर-दिन इसका हाल बेकार होता जा रहा है, इसलिए हमें अपने वातावरण को देखते हुए ये काम करना होगा। जिससे हमारा वातावरण और शारीर दोनों ही सही रहे।

देश की राजधानी दिल्ली में कुछ ऐसा हाल देखने को मिल रहा हैं जहां की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में लगातार तीसरे दिन भी 'खतरनाक' बने रहे, 412 के AQI के साथ, जो हवा की गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में रखता है, NASA उपग्रह चित्रों ने हरियाणा और पंजाब भर पिछले आठ दिनों में स्टब बर्निंग में स्पाइक दिखा है। वैसे ये कोई गंभीर खबर नहीं है।

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पूरी दुनिया की स्थिति

अगर पूरी दुनिया की बात करें तो प्रदूषण सबसे बड़ा हत्यारा है, शिकागो विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के 225 देशों में दूसरे सबसे ज्यादा प्रदूषित देश में आता है PM2।5 प्रदूषण के संदर्भ में, वहीँ नेपाल औसत PM2।5 का स्तर 54।18/g/m3 है। एशिया में हैं पांच सबसे प्रदूषित देश- भारत और चीन के साथ, जो दुनिया की आबादी का 36% हिस्सा है। कण प्रदूषण की वजह से हर साल 73% लोग अपनी जान गवा बैठते हैं।

ये हैं भारत के कुछ किलर स्टेट्स

पूरे इंडो-गंगेटिक प्लेन (IGP) ने भारत के गैस चैंबर होने का संदिग्ध सम्मान प्राप्त किया है, रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, चंडीगढ़, बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों में 480 मिलियन निवासी हैं जिसमे भारत की 40% आबादी हैं। कण प्रदूषण की वजह से उनके लाइफ के 7 साल कम हो गए हैं।

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करें ये कुछ खास काम

अगर ऐसा ही हाल रहा तो सभी के जीवन के आखरी पल शुरू हो चुकें हैं। हम सबसे ज्यादा ध्यान अपने वातावरण का देना है ताकि वो सही रहे तो हम भी सही रहेंगे। वातावरण को सही रखने के लिए सरकार को कुछ अहम फैसले करने चाहिए या कुछ सख्त नियम-कानून बनाना चाहिए जिससे लोगों में थोडा डर हो और वो अपने वातावरण के प्रति जागरूक हो। हमही लोग हैं जो देश और वातावरण को साफ-सुतरा रखेंगे।

बहुत सामान्य सी सावधानियों को बरतते हुए हम काफी हद तक स्वस्थ शरीर और सेहत को प्राप्त कर सकते हैं। अगर कुछ चीजों को अपने डेली रूटीन में अपना लेंगे तो हम वाकई स्वच्छ और बेहतर सेहत की ओर अपने कदम बढ़ाते चलेगें।

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