महू: भीम राव अंबेडकर की 125वीं जयंती पर पीएम मोदी गुरुवार को बाबा साहेब के जन्म स्थान मध्य प्रदेश के महू पहुंचे और उन्हें श्रद्धाजंलि दी। यहां से उन्होंने 'ग्रामोदय से भारत उदय अभियान' की शुरुआत की। पीएम ने अपनी सरकार को गरीबों और गांवों के लिए समर्पित बताया। उन्होंने सरकार के सभी कामों को गरीबों और बाबा साहेब के सपनों से जोड़ा। मोदी ने कहा, '' लोगों के घरों में बर्तन मांजने और झाड़ू-पोछा करने वाली मां का बेटा आज पीएम है। इसका पूरा क्रेडिट बाबा साहेब को जाता है।''
पीएम मोदी ने कहा...
-ये मेरा सौभाग्य है कि आज बाबा साहेब की 125वीं जयंति पर मैं उनकी जन्म भूमि पर आया हूं।
-बाबा साहेब अंबेडकर एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक संकल्प का दूसरा नाम थे।
-जीवन जीते नहीं थे जीवन को संघर्ष में झोंक देते थे।
-वह अपने सम्मान के लिए आखिरी छोर पर बैठे दलित पिछड़े के लिए अपमानित होकर भी अपने मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए।
-उनके दिल में कुछ कर गुजरने का इरादा था। उन्होंने अपने लिए अवसरों को छोड़कर देश की सेवा में खुद को खपा दिया।
-14 से 24 अप्रैल तक भारत सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर ग्रामोद्य से भारत उदय अभियान की शुरुआत कर रही है।
-बाबा साहेब ने जो हमें संविधान दिया, गांधी जी ने जो स्वराज की लक्ष्य दिया यह अभी अधूरा है।
-जिस तरह हमारे गांवों में बदलाव आना चाहिए था, वो नहीं हुआ। अभी बहुत कुछ करना बाकी है।
-भारत का आर्थिक विकास 5-50 शहरों से होने वाला नहीं है। 5-50 उद्योगपतियों से नहीं होने वाला।
-यह हमें सच्चे अर्थों में विकास करना है तो गांवों का विकास करना होगा।
-आपने बजट में भी देखा होगा कि पूरी तरह किसान और गांवों के लिए समर्पित है।
-जितने भी विकास के स्रोत हैं सभी को हमें गांव की ओर मोड़ना है।
'सभी गांवों में होगी बिजली'
-मुझे कुछ दिन पहले जानकारी दी गई कि अभी तक 18 हजार गांवों तक बिजली नहीं पहुंची।
-मेरा बैचेन होना स्वभाविक है।लाल किले से बिना पूछे मैंने कह दिया कि एक हजार दिनों में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचा देंगे।
-आज खुशी के साथ कह रहा हूं कि हजार दिन से पहले भी ये काम पूरा कर दूंगा।
'मुश्किल काम है तभी तो मुझे दिया'
-ढाई लाख गांव को डिजिटल बनाना है। ऑप्टिकल फाइबर लगाना है। मैं जानता हूं ये कितना कठिन है। लेकिन कहीं से तो शुरुआत करनी ही है।
-आखिरकार अबंडेकर जैसे महापुरुष हमारे प्रेरणा स्रोत हों तो कोई काम कठिन नहीं।
'किसानों की आय होगी दोगुनी'
-गांव के आर्थिक हालत को बदलना है तो 2022 में किसान की आय को दोगुना करना है।
-सब कहते हैं मोदी जी ये मुश्किल काम है। मैं जानता हूं मुश्किल है तभी तो जनता ने मुझे काम सौंपा है।
-शिवराज सिंह ने पूरा रोडमैप बनाया है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कैसे हो सकती है।
-मैंने सभी राज्य सरकारों को ऐसा रोडमैप बनाने को कहा है। विकल्प तलाशने को कहा है।
समाज में हो समरसता
-बाबा साहेब कहते थे संगठित हो, सशक्त बनो वो सामाजिक समरसता चाहते थे।
-14 अप्रैल को बाबा साहेब का जन्मदिन और 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस है, इसलिए इस बीच ग्रामोदय की शुरुआत की गई है।
-हमारी ग्राम पंचायतों के अंदर चेतना जगाए रखना जरूरी है। बाबा साहेब के दर्शन से ऐसा किया जा सकता है।
स्वच्छ भारत
-इंदौर जिला खुले के शौच से मुक्त हो चुका है। यहां के नागरिकों ने बाबा साहेब को उत्तम श्रद्धांजलि दी है।
-भारत को स्वच्छ बनाना है तो मां-बहनों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाना होगा।
-इसके लिए सभी को साथ आना होगा। ग्रामोदय से भारत उदय का जो मंत्र है उसमें यह ध्यान दिया गया है।
'तीन साल में पांच करोड़ परिवारों को देंगे सिलेंडर'
-कई लोग छह दशकों से खुद को गरीबों का मसीहा कहते हैं। जिनके जुबान पर गरीब रहता हैं उन्होंने गरीबों के लिए क्या किया इसका हिसाब चौंकाने वाला है।
लेकिन मैं उनका जिक्र कर समय खराब नहीं करूंगा।
-आपको जानकर हैरानी होगी हमारे करोड़ों भाई बहन झुक्की में रहकर लकड़ी के जूल्हे पर खाना बनाते हैं।
-मां जब चूल्हे पर खाना बनाती है तो एक दिन में 400 सिगरेट के बराबर धुआं जाता है।
-आप कल्पना कर सकते हो कि मां बीमार होगी कि नहीं?
-हमने समाज से कहा जो संपन्न हैं वो अपना सिलेंडर सब्सिडी छोड़ दें। लेकिन मध्यम वर्ग के 90 लाख लोगों ने अपना अपनी सब्सिडी छोड़ दी।
-पिछले एक वर्ष में एक करोड़ गरीब परिवारों को सिलेंडर दिया गया।
-इस बजट में हमने घोषित किया है आने वाले तीन साल में 5 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन देंगे। लकड़ी के चूल्हे से मुक्ति दिलाना है।
जनधन योजना
-गरीब लोग चिटफंड कंपनियों में इसलिए फंसे क्योंकि उनके पास बैंक खाते नहीं थे।
-हमने जनधन योजना के तहत उन्हें बैंक खाते दिए, अब उन्हें साहूकार से मुक्ति मिल गई है।
गरीब के लिए काम कैसे होता है। यह हमने दिखाया है।
आज विश्व की सारी संस्थाएं कह रही हैं कि भारत तेज गति से बढ़ रहा है इसका कारण है कि हम गरीबों को साथ लेकर चल रहे हैं।
'आधुनिक भारत के दृष्टा थे अंबेडकर'
-अभी मैं मुंबई से आ रहा हूं। बहुत से लोगों को लगता है कि बाबा साहेब दलितों के देवता हैं, लेकिन वो असल में आधुनिक भारत के दृष्टा थे।
-मुंबई में आज मैरीटाइम समिट की शुरुआत की है। बाबा साहेब पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने मैरीटाइम नेवीगेशन पर विस्तार से काम किया था।
-हमने जानबूझकर आज उनके जन्मदिन पर यह कार्यक्रम किया है। लाखों-करोड़ों समुद्र तट पर रहने वाले लोगों को रोजगार मिलेगा।
कुछ लोग परेशान हैं कि मोदी ये सब क्यों कर रहे हैं, ये सब हमारा है।
हम मानते हैं बाबा साहेब ने जो रास्ता दिखाया है उसी से देश का भला होगा।
बाबा साहेब की मृत्य के 60 साल तक आपको स्मारक बनाने से हमने रोका था क्या।
आज पश्चाताप कर रहे हैं?
'जिंदगी भर जहर पिया पर संविधान पर असर नहीं'
बाबा साहेब का हर कदम पर अपमान हुआ। उन्होंने कितना जहर पिया जिंदगी भर। यदि वह सामान्य मानव होते तो संविधान बनाते समय कहीं तो वह निकलता होता, लेकिन कहीं उन्होंने कटुता नहीं दिखाई। सारा जहर पचा लिया। लेकिन उस महारपुरुष के कामों को ओझल कर दिया गया। इसलिए हम उनके चरणों में बैठकर काम कर रहे हैं। बाबा साहेब को अच्छी श्रद्धांजलि यही होगी कि हम गांवों और गरीबों का भला करें।
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा..
-अंबेडकर ने अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया। मध्यप्रदेश का सौभागय है कि महू में ही बाबा साहेब का जन्म हुआ था।
-पता नहीं मोदी जी को इतनी क्षमता कहां से आती है। व्रत में हैं, सुबह निकलते हैं रात तक काम करते हैं।
-पहली बार कोई पीएम अंबेडकर की जयंती पर यहां आए हैं।
-बाबा साहेब अंबेडकर के सम्मान में जितने काम बीजेपी सरकार ने किए हैं उतने कांग्रेस ने कभी नहीं किए।
-कांग्रेस ने तो उन्हें संसद में जाने से भी रोकने की कोशिश की।
-मोदी जी मैन ऑफ आइडियाज हैं। वह जो सोचते हैं वो करके दिखाते हैं।
-उनके मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है।
-हमने कोचिंग देकर एसएसी एसटी समुदाय के छात्रों को आईआईटी-आईआईएम भेजा है।
-हम मुफ्त शिक्षा, इलाज और रोजगार में युवाओं को सहायता दे रहे हैं।
सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा...
-हम सब भाग्यशाली हैं कि अंबेडकर जी ने महू में जन्म लिया।
-190 से अधिक देशों में आज अंबेडकर जी की जयंती मनाई जा रही है।
-इसका कारण है पीएम मोदी जी। उन्होंने दुनिया को अहसास कराया है दुनिया में समरसता के लिए अंबेडकर जी के मार्ग पर चलना होगा।