PM मोदी ने की नीति आयोग के साथ मीटिंग, बताए पहले बजट पेश करने के फायदे

पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर (मंगलवार) को नीति आयोग के सदस्यों और कई अन्य प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ ‘इकोनॉमिक पॉलिसीः रोड अहेड’ विषय पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल 1 फरवरी को ही बजट पेश किए जाने की योजना है।

Update: 2016-12-27 19:19 GMT

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर (मंगलवार) को नीति आयोग के सदस्यों और कई अन्य प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ ‘इकोनॉमिक पॉलिसीः रोड अहेड’ विषय पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल 1 फरवरी को ही बजट पेश किए जाने की योजना है। बजट पेश करने की तारीख को पहले करने की वजह बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे इकॉनमी पर सकारात्मक प्रभाव होगा। इसके साथ ही बजट 2017-18 'सिटीजन फ्रेंडली' और टैक्स पेयर्स के अनुकूल होगा। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानग़िड़या और नीति आयोग के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।



क्या कहा पीएम मोदी ने ?

-पीएम मोदी ने कहा कि पहले बजट पेश किए जाने से योजनाओं के लिए फाइनेंशियल इयर की शुरुआत में ही अधिकृत पूंजी उपलब्ध हो सकेगी।

-बजट चक्र में बदलाव का वास्तविक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव होगा।

-सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट एक फरवरी को पेश करने का प्रस्ताव किया है।

-पीएम ने अर्थशास्त्रियों से आगामी बजट में रोजगार सृजन, कृषि, कौशल विकास और एजुकेशन पर उनके विचार मांगे।

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-पीएम मोदी ने आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए युवाओं की ताकत को जोड़ने पर जोर दिया।

-बजट 2017-18 में नौकरियां बढ़ाने और विकास दर को गति देने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा भी हो सकती है।

-इसके अलावा किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए किसानों को सस्ता कर्ज मुहैया कराने सहित कई उपाय किए जा सकते हैं।

यह भी जानें

-गौरतलब है कि बजट फरवरी महीने की आखिरी तारीख को पेश किया जाता है।

-अगले वित्त वर्ष के लिए अलग से रेल बजट भी नहीं पेश किया जाएगा।

-सरकार ने रेल बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया है।

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नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा ?

-नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि विशेषज्ञों ने बजटीय प्रक्रिया में सुधार के संबंध में कई सुझाव दिए।

-इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स और व्यक्तिगत इनकम टैक्स की प्रक्रिया सरल बनाने और डायरेक्ट टैक्सेज की दरें नीचे लाने का सुझाव भी दिया गया।

-सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश और सीपीएसई (केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम) के शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने पर भी चर्चा हुई।

-सब्सिडी व्यय को तर्कसंगत बनाने के लिए डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के इस्तेमाल और टैक्स संबंधी आंकड़ों के बेहतर विश्लेषण की जरूरत पर भी बैठक में जोर दिया गया।

टैक्स देना चाहते हैं लोग

-पनगढ़िया के मुताबिक, पीएम ने मीटिंग में कहा कि लोग टैक्स चोरी नहीं करना चाहते हैं।

-वे टैक्स देना चाहते हैं, लेकिन वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनसे जो रेवेन्यू एकत्रित किया जा रहा है, उसका सही इस्तेमाल हो।

अगली स्लाइड में जानिए बजट 2017-18 में और किन मुद्दों पर रहेगा सरकार का जोर

इन पर भी रहेगा जोर

-व्यक्तिगत इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स की प्रक्रिया आसान होगी।

-देश में प्रत्यक्ष करों की दरें भी कम हो सकती हैं।

-विकास दर को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद है।

-अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रवार फोकस है।

-विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कर विसंगति दूर होंगी।

-किसानों की आय दोगुनी करने के उपायों पर जोर दिया जाएगा।

-14 से 18 साल के आयु वर्ग में कौशल विकास के लिए खास उपाय होगा।

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