राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस हुई सक्रिय, विपक्षी नेताओं से चर्चा करेंगी सोनिया, साझा उम्मीदवार की तैयारी

Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस भाजपा को चुनौती देने की कोशिश में जुटी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-05-25 14:33 IST

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस हुई सक्रिय (Social media)

India President Election: उदयपुर चिंतन शिविर के बाद भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस कमर कसती हुई नजर आ रही है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी और टास्क फोर्स का गठन करके एक्शन की शुरुआत कर दी है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई कांग्रेस भाजपा को चुनौती देने की कोशिश में जुट गई है। एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति पर काम हो रहा है और इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा शुरू करेंगी। 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए जून के मध्य में अधिसूचना जारी होने वाली है। इसलिए विपक्ष के पास अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष विपक्ष के कई बड़े नेताओं के साथ सीधा संवाद करके विपक्ष की रणनीति को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगी। कुछ क्षेत्रीय दलों को साधने में दिक्कत आने की आशंका है। ऐसे में पार्टी की ओर से एनसीपी मुखिया शरद पवार के जरिए इन दलों को साधने की रणनीति बनाई गई है।

क्षेत्रीय दलों को साधने में पवार की मदद 

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा नेताओं में भी विचार-विमर्श का दौर शुरू हो गया है। क्षेत्रीय दलों को साधने और एनडीए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम शुरू हो चुका है। दूसरी ओर विपक्षी दलों के बीच अभी तक इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। विपक्षी दल अभी तक इस मुद्दे पर अपनी-अपनी डफली बजाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से मजबूत पहल करने की तैयारी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर चर्चा करेंगे। 

तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और समाजवादी पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों के साथ चर्चा में कांग्रेस एनसीपी मुखिया शरद पवार की मदद लेगी। दरअसल इन दलों के साथ कांग्रेस के रिश्ते सहज नहीं हैं जबकि एनसीपी मुखिया पवार ने लगभग सभी क्षेत्रीय दलों के साथ सहज रिश्ता बना रखा है। ऐसे में पवार की मदद से कुछ क्षेत्रीय दलों को साधने की कोशिश की जाएगी।

केसीआर भी कर रहे हैं विपक्षी नेताओं से चर्चा 

वैसे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हाल के दिनों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के मुखिया के चंद्रशेखर राव काफी सक्रिय रहे हैं। राजधानी दिल्ली में अपने हाल के प्रवास में उन्होंने इस मुद्दे पर आप के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से चर्चा की थी। अब वे जल्द ही बंगलुरु जाने वाले हैं जहां उनकी मुलाकात पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के साथ होनी है। 

राव जल्द तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी से भी चर्चा करने वाले हैं। राव की इन कोशिशों को राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही 2024 की सियासी जंग के लिए तीसरा मोर्चा तैयार करने की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। राव उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन हासिल करने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं।

एनडीए का पलड़ा दिख रहा भारी 

सियासी जानकारों का कहना है कि राव की कोशिशों के बीच सोनिया की पहल क्या रंग दिखाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान क्षेत्रीय दलों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विपक्ष का साझा उम्मीदवार एनडीए को चुनौती देने में तभी सफल हो सकता है जब उसे विभिन्न क्षेत्रीय दलों का समर्थन हासिल हो। वैसे राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी नजर आ रहा है मगर भाजपा को भी जगन मोहन रेड्डी और नवीन पटनायक के समर्थन की जरूरत है। 

भाजपा की सोमवार को हुई बैठक में इन दोनों नेताओं का समर्थन हासिल करने की रणनीति पर विचार किया गया था। माना जा रहा है कि भाजपा वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल का समर्थन हासिल करने में कामयाब हो जाएगी। इन दोनों दलों का समर्थन हासिल होने के बाद राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी।

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