Pune Car Accident Case: अब फॉरेंसिक विभाग के HoD समेत दो सरकारी डॉक्टर गिरफ्तार, आरोपी को बचाने के लिए किया ये काम

Pune Car Accident Case: ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को रक्त के नमूनों में कथित हेरफेर और मामले में सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। डॉक्टरों का नाम अजय तावरे और श्रीहरि हरनोर है।

Report :  Viren Singh
Update:2024-05-27 09:38 IST

Pune Car Accident Case (सोशल मीडिया) 

Pune Car Accident Case: पुणे पोर्श कार क्रैश मामले की गुत्थी सुझलाने का नाम नहीं ले रही है। जब से घटना घटी है, आए दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं। इस कड़ी में एक और नया खुलासा हुआ है। पुणे पुलिस ने सोमवार को शहर के ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने रक्त के नमूने में हेरफेर की, ताकि आरोपी बचाया जा सके है। बता दें कि बीते दिनों पुणे में एक लग्जरी कार पोर्श ने रफ्तार से दो लोगों को कुचल दिया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। कार नाबालिग चल रहा था। इन डॉक्टरों ने इस नाबालिग को बचाने के लिए इस कृत्य को अंजाम दिया है। वहीं, 

पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टि

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों को रक्त के नमूनों में कथित हेरफेर और मामले में सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन डॉक्टरों के नाम अजय तावरे और श्रीहरि हरनोर हैं। इसमें एक अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख भी शामिल है। घटना के बाद नाबालिक आरोपी को मेडिकल के इसी अस्पताल लाया गया था, जहां पर उसकी ब्लड सैंपल की जांच हुई थी। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है।

आरोपी को बचाने के लिए ब्लड सैंपल से छेड़छाड़

रोड एक्सीडेंट के बाद नाबालिग को सबसे पहले सुबह 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून हॉस्पिटल लाया गया था, यहां पर उसकी ब्लड सैंपल की जांच की गई थी। उसके सैंपल को ऐसे शख्स के ब्लड सैंपल से बदल गया था, जिसने शराब नहीं पी थी, जिसके आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल ने शराब सेवन की पृष्टि नहीं हुई। इससे पुलिस को संदेह पैदा हुआ। बाद में दोबारा बल्ड सैंपल कराया गया, जिसमें कार चालक आरोपी के शराब के सेवन की पृष्टि हुई थी। बीते 19 मई को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने नाबालिग को बचाने के लिए ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी।

जानिए क्या है पोर्श कार क्रैश मामले ?

बता दें 19 मई की सुबह कथित तौर पर नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्श द्वारा उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारने के बाद दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि दुर्घटना के समय किशोर नशे में था। किशोर को शुरू में किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी, जिसने उसे सड़क दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखने के लिए भी कहा था, लेकिन पुलिस द्वारा नरम व्यवहार और समीक्षा आवेदन पर नाराजगी के बाद, उसे 5 जून तक एक अवलोकन गृह में भेज दिया गया था। पुलिस ने दुर्घटना के सिलसिले में किशोर के पिता और उसके दादा को गिरफ्तार किया था।

Tags:    

Similar News