Agneepath Scheme: अग्निपथ स्कीम के बहाने सरकार ने युवाओं के सपने बर्बाद कर दिए, केंद्र पर फिर हमलावर हुए राहुल गांधी

Agneepath Scheme: युवकों के साथ सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर कहा कि सरकार ने अग्निपथ स्कीम के बहाने युवाओं के सपने बर्बाद कर दिए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-27 07:40 IST

Rahul Gandhi  (photo: social media )

Agneepath Scheme: तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए साल 2022 में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ स्कीम को लेकर एकबार फिर घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के चंपारण से आए कुछ युवकों के साथ सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर कहा कि सरकार ने अग्निपथ स्कीम के बहाने युवाओं के सपने बर्बाद कर दिए। सरकार ने अनगिनत परिश्रमी युवाओं की मेहनत पर पानी फेर दिया।

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘अस्थायी भर्ती’ देने के लिए लाई गयी अग्निवीर योजना की आड़ में 2019-21 तक चली सेना एवं एयरफोर्स की ‘स्थायी भर्ती प्रक्रिया’ को रद्द कर सरकार ने अनगिनत परिश्रमी एवं स्वप्नदर्शी युवाओं की मेहनत पर पानी फेर दिया। दुखद है कि ‘सत्याग्रह की भूमि’ चम्पारण से लगभग 1100 कि.मी. पैदल चल कर अपना हक़ मांगने दिल्ली आये इन नौजवानों के संघर्ष को मीडिया के किसी भी कैमरे में जगह नहीं मिली।

इसके बाद उन्होंने मीडिया को निशाने पर लेते हुए कहा, छोटे छोटे कमरों में रह कर बड़े बड़े लक्ष्यों को साधने वाले इन महत्वाकांक्षी छात्रों की पीड़ा शायद मुख्यधारा की मीडिया के ‘प्राइमटाइम’ में जगह ना बना सके। पर हम सड़क से लेकर संसद तक सिर्फ ‘रोजगार की बात’ कर रहे इन युवाओं के संघर्ष में उनके साथ हैं।

पूर्व सेना प्रमुख ने बताया था चौंकाने वाली स्कीम

थल सेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती के लिए जिस समय अग्निपथ योजना लाई गई थी, उस वक्त सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे हुआ करते थे। हाल ही में उनकी बायोग्राफी 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' प्रकाशित हुई है, जिसमें उन्होंने अग्निपथ को चौंकाने वाली स्कीम करार दिया है। उन्होंने लिखा है कि 2020 में उनकी ओर से पीएम मोदी को 'टूर ऑफ ड्यूटी' का प्रस्ताव दिया गया था। इसमें अग्निवीरों की तरह ही जवानों को कुछ समय के लिए भर्ती करने का सुझाव दिया था, जो सिर्फ थल सेना के लिए मान्य था।

नरवणे ने आगे लिखा कि कुछ समय बाद प्रधानमंत्री कार्यालय अग्निपथ योजना लेकर आया। इसमें थल सेना के साथ-साथ नौसेना और वायुसेना को भी शामिल किया गया। इस योजना ने थल सेना से ज्यादा नौसेना और वायुसेना को चौंकाया। इसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने 19 दिसंबर को कहा कि पूर्व सेना प्रमुख के दावे से साफ है कि सरकार ने बिना सोच-विचार के अग्निपथ स्कीम को देश के युवाओं पर थोप दिया।

क्या है अग्निपथ स्कीम ?

अग्निपथ स्कीम के तहत भारतीय सेना के तीनों अंगों (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) में 4 साल के लिए भर्ती की जाती है। चार साल बाद 25 प्रतिशत सैनिकों को ही स्थायी तौर पर नियुक्ति दी जाती है। इसमें पेंशन से जुड़े कोई बेनिफिट नहीं हैं। सैलरी से जुड़ा कुछ हिस्सा कटता है, जिसे बाद में एकमुश्त दे दिया जाता है। इस स्कीम का जब ऐलान हुआ था, तब सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। यूपी,बिहार और हरियाणा सरीखे राज्यों में सबसे अधिक बवाल देखने को मिला था। विपक्ष आज भी इस स्कीम को लेकर मोदी सरकार को घेरते रहता है और इसे वापस लेने की मांग करता है।

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