कृषि विधेयकों का विरोध कर फंसी कांग्रेस, राहुल के पुराने वीडियो ने बढ़ाई मुसीबत
संसद में मोदी सरकार की ओर से पेश किए गए कृषि विधेयकों का जोरदार विरोध करने में जुटी कांग्रेस अब खुद ही घिरती नजर आ रही है। कांग्रेस के निलंबित नेता और पूर्व प्रवक्ता संजय झा के बयान के बाद अब एक पुराने वीडियो ने भी कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है।
नई दिल्ली: संसद में मोदी सरकार की ओर से पेश किए गए कृषि विधेयकों का जोरदार विरोध करने में जुटी कांग्रेस अब खुद ही घिरती नजर आ रही है। कांग्रेस के निलंबित नेता और पूर्व प्रवक्ता संजय झा के बयान के बाद अब एक पुराने वीडियो ने भी कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। संजय झा का कहना है कि कांग्रेस आज भले ही सरकार को घेरने के लिए विधेयक का विरोध कर रही हो मगर यह पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के घोषणा पत्र में भी शामिल था। दूसरी ओर वायरल हो रहे छह साल पुराने वीडियो में कांग्रेस की ओर से फल और सब्जी को एपीएमसी के दायरे से बाहर निकालने की बात कही गई है।
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राहुल की मौजूदगी में एक्ट में संशोधन की बात
कांग्रेस के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर मौजूद यह वीडियो 27 दिसंबर, 2013 का है। इस वीडियो में खुद राहुल गांधी भी मौजूद हैं और उनके सामने कांग्रेस नेता अजय माकन एपीएमसी एक्ट में संशोधन की बात कह रहे हैं।
यह वीडियो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का है जिसमें माकन घोषणा कर रहे हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर एपीएमसी एक्ट में संशोधन किया जाएगा।
11 मुख्यमंत्रियों की बैठक में हुआ था फैसला
इस वीडियो में अजय माकन का कहना है कि महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस के 11 मुख्यमंत्रियों की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है।
फैसले की जानकारी देते हुए वे कहते हैं कि किसानों को सहूलियत पहुंचाने के साथ ही उपभोक्ताओं को कम कीमत में फल और सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए इन्हें एपीएमसी एक्ट के तहत बनी लिस्ट से हटाया जाएगा।
पार्टी के ट्वीट में भी कही गई ये बात
2013 का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और इसके साथ ही कांग्रेस के ऑफिशियल हैंडल से किया गया ट्वीट भी वायरल हो रहा है। इस ट्वीट में कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस शासित राज्यों ने एपीएमसी एक्ट से फल और सब्जियों को हटाने का फैसला किया है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि वीडियो में अजय माकन की ओर से एलान किए जाते समय खुद राहुल गांधी भी मौजूद दिख रहे हैं।
अब कांग्रेस कर रही जोरदार विरोध
अब सरकार की ओर से इस बाबत कदम उठाए जाने पर कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष पर उतर आई है। कांग्रेस ने इसे सरकार का किसान विरोधी कदम बताया है और राहुल गांधी ने खुद इसे लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राहुल गांधी का कहना है कि पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की नीयत से यह कदम उठाया है।
पार्टी के निलंबित नेता ने भी खोली पोल
दूसरी ओर कांग्रेस के निलंबित नेता और पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने भी ट्वीट करते हुए पार्टी की पोल खोलने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। उनका कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वही कदम उठाया गया है जिसके संबंध में कांग्रेस ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में वादा किया था।
उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी बिलों को लेकर कांग्रेस और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। संजय झा को जुलाई में पार्टी की ओर से निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में किया गया था वादा
संजय झा का कहना है कि कांग्रेस भले ही इस मुद्दे पर आज बीजेपी को घेर रही हो मगर सच्चाई है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस की ओर से जारी घोषणापत्र में एपीएमसी अधिनियम को खत्म करने की बात कही गई थी। इसके साथ ही पार्टी की ओर से कृषि उत्पादों को प्रतिबंधों से मुक्त करने पर भी जोर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस की राय एक ही है।
पीएम मोदी ने किया बड़ा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे लेकर शुक्रवार को बड़ा हमला बोला। उनका कहना था कि चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें की जाती थीं, घोषणापत्र में वादा किया जाता था मगर चुनाव के बाद सबकुछ भुला दिया जाता था। अब जब एनडीए की सरकार की ओर से किसानों की तरक्की की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं तो कुछ राजनीतिक दल किसानों को भरमाने में जुटे हुए हैं।
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मोदी बोले-भूल गए अपना चुनावी घोषणा पत्र
मोदी ने भी वही बातें कहीं जो संजय झा ने अपने ट्वीट में कही थीं। मोदी ने कहा कि जिस एपीएमसी एक्ट को लेकर अब राजनीति की जा रही है, कृषि बाजार के प्रावधानों में बदलाव का विरोध किया जा रहा है, उसी बदलाव की बात इन लोगों की ओर से चुनावी घोषणा पत्र में की गई थी। अब एनडीए सरकार की ओर से इस दिशा में पहल किए जाने पर ये लोग विरोध की राजनीति में जुट गए हैं।
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