Rajasthan Election 2023: मतगणना से पहले ही बढ़ गए बागियों और निर्दलियों के भाव, वसुंधरा ने इस कैंडिडेट को लगाया फोन! चढ़ा सियासी पारा
Rajasthan Election 2023: एग्जिट पोल के अनुमान के बाद से राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस की निगाहें निर्दलीय और बागियों पर है। दोनों पार्टियां निर्दलीय और बागियों से संपर्क साधने में जुटी हैं। इस पूरी कवायद के पीछे का कारण यह है कि अगर किसी को बहुमत नहीं मिला और त्रिशंकु विधानसभा हुई तो इस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा जुटाना होगा। इसी कड़ी में वसुंधरा राजे सिंधिया ने सांचैर से पूर्व विधायक और इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे जीवाराम चैधरी को फोन कर जन्मदिन की बधाई दी।
Rajasthan Election 2023: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे रविवार (3 दिसंबर) को आ रहे हैं। यहां बात राजस्थान की कर रहे हैं। यहां ज्यादातर एग्जिट पोल में राज्य में भाजपा की सरकार बनने की संभावना जताई गई है, लेकिन इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया और टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई है। इन दोनों ही एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस को भाजपा पर हल्की बढ़त दी है। इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों दलों के नेता अभी से सक्रिय हो गए हैं। भाजपा के लिए खुद वसुंधरा राजे ने मोर्चा संभाला है तो वहीं कांग्रेस के लिए अशोक गहलोत मैदान में हैं।
दोनों नेता निर्दलीय उम्मीदवारों और बागियों से संपर्क साधने में जुटे हैं। इस पूरी कवायद के पीछे का कारण है त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में बहुमत का आंकड़ा जुटाना। इसी कड़ी में वसुंधरा राजे सिंधिया ने शुक्रवार को सांचैर से पूर्व विधायक और इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले जीवाराम चैधरी को फोन कर जन्मदिन की बधाई दी। जीवाराम ने वसुंधरा से कहा कि जीत का सर्टिफिकेट लेकर जयपुर आ रहा हूं। जालोर के सांचैर विधानसभा सीट से भाजपा से बागी हुए जीवाराम ने लगातार दूसरी बार निर्दलीय चुनाव लड़ा है।
जीवाराम की सांचैर में सीधी टक्कर कांग्रेस के सुखराम विश्नोई से है। उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व अशोक गहलोत का भी फोन आया था। जीवाराम के समर्थक यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी फोन आया था। गहलोत ने जीवाराम को जयपुर में मिलने को कहा था। इस बारे में पूछे जाने पर जीवाराम ने कहा कि वह 3 दिसंबर को ही अपना पक्ष रखेंगे। बताया जा रहा है कि सांचैर में कानून व्यवस्था व नर्मदा के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाले जीवाराम मजबूत दिखाई दे रहे हैं, जिसके चलते जयपुर से मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री के फोन उनके पास आ रहे हैं।
भाजपा के बागियों से कांग्रेस ने साधा संपर्क
वहीं बाड़मेर जिले में भाजपा के बागी रविन्द्र सिंह भाटी और प्रियंका चैधरी से पार्टी नेताओं ने संपर्क साधा है। कांग्रेस की ओर से भी इन दोनों से संपर्क किया गया है। कांग्रेस के दो अन्य बागियों पर भी भाजपा की नजर है। रविंद्र भाटी और प्रियंका ने मीडिया को बताया कि उनके पास बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के फोन आ रहें हैं। राजनीतिक पंडितों का अनुमान है कि बाड़मेर जिले में कम से कम शिव विधानसभा से एक बागी की जीत तय है।
यहां भी बागियों की स्थिति है मजबूत
वहीं बाड़मेर और सिवाना विधानसभा में भी बागियों की स्थिति मजबूत बताई जा रही है। लिहाजा, तीनों से कांग्रेस और बीजेपी ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है। सूत्रों की माने तो बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ से लेकर वसुंधरा राजे और कांग्रेस से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार रविंद्र सिंह भाटी के संपर्क में हैं। राजस्थान की सबसे हॉट शिव विधानसभा सीट पर बीजेपी के बागी रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस के बागी फतेह खान के बीच में कड़ी टक्कर का अनुमान जताया जा रहा है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों के बागी कर रहे जीत का दावा
रविंद्र सिंह भाटी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि शिव की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है। 3 दिसंबर को मैं बड़े अंतराल से चुनाव जीतूंगा।‘ बीजेपी और कांग्रेस के संपर्क में होने के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि अभी इस पर कुछ भी नहीं बोलूंगा, फैसला शिव की जनता करेगी। वहीं कांग्रेस के बागी फतेह खान ने कहा, ‘मैंने 25 तारीख के बाद तमाम बूथ के कार्यकर्ताओं से बातचीत की है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि शिव का चुनाव मैं जीत रहा हूं।‘ बीजेपी या कांग्रेस को समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह 3 तारीख के बाद ही कुछ फैसला करेंगे।
प्रियंका ने बाड़मेर सीट से निर्दलीय लड़ा है चुनाव
बाड़मेर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली भाजपा की बागी प्रियंका चैधरी का कहना है कि उनके पास लगातार बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के फोन आ रहे हैं। बहुत से लोगों और नेताओं ने संपर्क किया है। बीजेपी ने मेरा टिकट काटा था। मुझे पार्टी से कोई शिकायत नहीं थी, कुछ नेताओं से जरूर थी। टिकट कटने के बाद मैं संन्यास लेने वाली थी, लेकिन, बाड़मेर की जनता ने मुझे चुनाव लड़ाया और मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि मैं जीत रही हूं। मैं किस पार्टी के साथ जाऊंगी, इसका फैसला 3 दिसंबर के बाद करुंगी।‘
अब अगर राजस्थान में त्रिशंकु विधानसभा बनती है तो इसमें बागियों और निर्दलीयों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी। इसी को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस अभी से निर्दलियों और बागियों पर अपनी निगाहें रखे हुए हैं। अब यह तो मतगणना के बाद ही तय हो पाएगा कि सरकार किस पार्टी की बनेगी।