Rajasthan Politics: गहलोत और पायलट पर वसुंधरा ने किया हमला, भगवान राम और भरत का उदाहरण देकर कुर्सी के लिए संघर्ष पर तंज

Rajasthan Politics: राजस्थान में कांग्रेस राज से पूर्व वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं और सचिन पायलट वसुंधरा राज में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।

Update:2023-06-12 10:37 IST
Rajasthan Politics (photo: social media )

Rajasthan Politics: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही तकरार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम और भरत के इस देश में कुर्सी के लिए किस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं,इसे सभी लोग देख रहे हैं। कुर्सी के लिए कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच किस तरह लड़ाई चल रही है,यह किसी से छिपी हुई नहीं है।

राजस्थान में कांग्रेस राज से पूर्व वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं और सचिन पायलट वसुंधरा राज में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। उन्होंने रविवार को दौसा में आयोजित कार्यक्रम में भी अपनी इस मांग को दोहराया था। अब वसुंधरा राजे ने भी गहलोत और सचिन पायलट की तकरार और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।

मुख में राम,बगल में छुरी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश भगवान राम और भरत का है। अपने पिता दशरथ की आज्ञा का पालन करते हुए भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के लिए चले गए थे। भरत को सिंहासन पर बैठाने की कोशिश की गई मगर भरत ने त्याग की मिसाल पेश की थी। उन्होंने अपने बड़े भाई भगवान राम की चरण पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर ही राज किया। इन दो भाइयों के त्याग की मिसाल आज भी दी जाती है और दूसरी ओर राजस्थान का हाल देखिए जहां सिंहासन के लिए दो नेताओं के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है।

वसुंधरा ने कहा कि आज सभी लोग इस बात को देख रहे हैं कि कुर्सी के लिए किस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के जरिए एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। सच्चाई तो यह है कि इन लोगों के मुख में राम और बगल में छुरी है। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ये दोनों नेता किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार दिख रहे हैं।

गहलोत और पायलट में लंबे समय से तकरार

यह दूसरा मौका है जब वसुंधरा राजे ने गहलोत और सचिन पायलट की तकरार और मांगों को लेकर तीखा हमला बोला है। इससे पूर्व सचिन पायलट के अनशन के दौरान भी उन्होंने कांग्रेस से पर तीखा हमला बोला था। राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार का माहौल दिखता रहा है। सचिन पायलट वसुंधरा राज में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग पर अड़े हुए हैं।

अपनी मांगों को लेकर उन्होंने एक दिन का अनशन करने के साथ ही पांच दिनों की पदयात्रा भी निकाली थी। उनका कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस की ओर से इस मामले में जांच का वादा किया गया था और कांग्रेस को अपना वादा पूरा करना चाहिए। सचिन पायलट की इस मांग के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।

अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं सचिन पायलट

कांग्रेस आलाकमान की ओर से हाल में दिल्ली में की गई बैठक में गहलोत और पायलट दोनों नेताओं को तलब किया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई इस बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से दोनों नेताओं के बीच सुलह का दावा किया गया था। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना था कि राजस्थान में गहलोत और पायलट मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत और पायलट दोनों नेताओं ने चुप्पी साध रखी थी।

हालांकि इस बैठक के बाद भी पायलट के बयानों से साफ हो गया है कि वे गहलोत के साथ सुलह करने के मूड में नहीं है। वे अभी भी वसुंधरा राज के मामलों की जांच कराने, पेपर लीक होने से आर्थिक नुकसान झेलने वाले बच्चों को मुआवजा देने और सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

रविवार को दौसा में अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भी पायलट ने इशारों में गहलोत पर हमला किया था। राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में गहलोत और पायलट की तकरार से कांग्रेस की चुनावी संभावनाएं प्रभावित होने की आशंका भी जताई जा रही है।

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