राजनाथ सिंह ने चीन और पाक को चेताया, बोले-...तो हम कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे

Vijayadashami: उन्होंने कहा, भारत ही एक ऐसा देश है जहां शास्त्रों और शस्त्रों दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा लग सकता है कि लोहे और लकड़ी से बनी चीजों की पूजा करने का क्या औचित्य है?

Report :  Network
Update:2024-10-12 11:45 IST

Defense Minister Rajnath Singh (Pic:Social Media)

Vijayadashami: विजयादशमी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, अगर भारत के हितों पर बात आती है तो हम कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।

रक्षामंत्री ने कहा, हमने कभी किसी देश के साथ युद्ध नहीं किया है। हमने तब युद्ध किया है जब उसने मानव मूल्यों के खिलाफ जंग छेड़ी है। कहीं जब हमें हमारे हितों पर आंच दिखी तो हम कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने आगे कहा, पड़ोसियों की किसी भी हरकत से इनकार नहीं किया जा सकता। वैश्विक हालात चाहे कुछ भी हों, हमें हमेशा तैयार रहना है।

विजयादशमी का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। आज रावण का दहन भी किया जाएगा। विजयादशी के दिन अस्त्र और शस्त्रों की भी पूजा की जाती है। इसकी परंपरा काफी पूरानी है। यह परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आर रही है। पूजा में अस्त्र-शस्त्रों को सामने रखा जाता है और उसकी पूजा की जाती है। भारतीय सेना आज भी इस परंपरा को निभाती है। इसी उपलक्ष्य में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की। रक्षा मंत्री दार्जिलिंग में सुकना कैंट में सेना के जवानों के साथ विजयादशमी मना रहे हैं।

यह मानवता की जीत थी

रक्षा मंत्री ने कहा कि विजयादशमी के दिन भगवान राम को मिली जीत केवल उनकी ही विजय नहीं थी बल्कि यह मानवता को मिली जीत थी। रावण इतना विद्वान होने के बावजूद भी बुराइयों का प्रतीक था। भगवान राम की रावण से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। उन्होंने रावण का वध इसलिए किया क्योंकि मानवता के लिए वो जरूरी था।

इस मौके पर उन्होंने सेना को विजयादशमी की बधाई दी। उन्होंने कहा, भारत ही एक ऐसा देश है जहां शास्त्रों और शस्त्रों दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा लग सकता है कि लोहे और लकड़ी से बनी चीजों की पूजा करने का क्या औचित्य है? लेकिन वास्तव में, यह हमारी विशाल सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है जिसमें हम किसी भी वस्तु का उपयोग करने से पहले और बाद में उसके प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

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