रिजर्व बैंक से सरकार को मिले पैसे का क्या है मतलब?
रिजर्व बैंक ने अपने रिजर्व कोष से 1.76 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला किया है। ये रिजर्व क्या है और इस धन से सरकार को क्या मदद मिलेगी जानते हैं इसके बारे में।
लखनऊ: रिजर्व बैंक ने अपने रिजर्व कोष से 1.76 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला किया है। ये रिजर्व क्या है और इस धन से सरकार को क्या मदद मिलेगी जानते हैं इसके बारे में।
कहां से आता है रिजर्व कोष
रिजर्व बैंक के पास तीन तरह के फंड होते हैं जिनको मिला कर एक रिजर्व फंड बनता है। ये तीन फंड हैं-करेंसी व गोल्ड रिवैल्यूएशन एकाउंट (सीजीआरए), कंटिजेंसी फंड (सीएफ) और एसेट डेवलेपमेंट फंड (एडीएफ)। इनमें से सीजीआरए सबसे बड़ा फंड है जो फॅरेन एक्सचेंज और सोने के रिवैल्यूएशन से मिले फायदे से बनता है। 2017-18 में सीजीआरए फंड 6.91 लाख करोड़ का था। 2010 के बाद से इस फंड में 25 फीसदी वार्षिक बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व फंड में इसका सबसे बड़ा हिस्सा है।
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सीएफ दूसरा सबसे बड़ा फंड है जो 2017-18 में 2.32 लाख करोड़ का था। एक्सचेंज रेट के ऑपरेशंस तथा मौद्रिक नीति के निर्णयों के लिए ये फंड बनाया गया है और इसमें आरबीआई के मुनाफे का बड़ा हिस्सा जाता है।
आरबीआई कितना पैसा रख सकता है
रिजर्व बैंक कितना पैसा रख सकता है और कितना केंद्र सरकार को ट्रांसफर किया जाना चाहिए, इस पर बैंक व वित्त मंत्रालय में मतभेद रहे हैं। हाल में सबसे बड़ा विवाद उस समय रहा जब आरबीआई के डिप्टी गर्वनर विरल आचार्य ने रिजर्व बैंक की स्वायत्ता पर सरकारों के अतिक्रमण का खतरा जताया। सरकार का कहना था कि वैश्विक कायदों के अनुसार जितना रिजर्व होना चाहिए उससे कहीं ज्यादा रिजर्व फंड है सो इसे सरकार को ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
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अंतत: नवंबर 2018 में सरकार ने इस मसले पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जो सिफारिशें कीं उसी के अनुरूप अब फंड ट्रांसफर किया गया है। समिति की सिफारिशों के आधार पर 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला लिया गया है। इसमें से 1,23,414 करोड़ रुपये का सरप्लस फंड 2018-19 के लिए होगा। इसके अलावा अतिरिक्त प्रावधानों के तहत 52,637 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। अतिरिक्त प्रावधान की यह रकम आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधित संशोधित नियमों के आधार पर निकाली गई है। इस साल आरबीआई को दिया जा रहा लाभांश पिछले रिकॉर्ड 65,896 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग दोगुना है।
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पैसे का क्या करेगी सरकार
-सरप्लस ट्रांसफर से केंद्र सरकार को सार्वजनिक ऋण चुकाने तथा बैंकों में पूंजी डालने में मदद मिलेगी।
-फंड के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कर सकती है। सरकार से बड़ी पूंजी मिलने के बाद बैंकों के लिए भी ऐसी परियोजनाओं को कर्ज देना आसान हो जाएगा।
-फंड का इस्तेमाल सरकार नेशनल हाउसिंग बैंक, सिडबी और नाबार्ड जैसी एजेंसियों की पूंजी बढ़ाने में कर सकती है।
-केंद्र को सौंपी गई रकम सरकार को राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर बड़ी राहत प्रदान कर सकती है। ये पैसा काफी हद तक टैक्स कलेक्शन में कमी को संभाल सकता है।