नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंक खातों के संबंध में एक नया प्रस्ताव दिया है। आरबीआई के इस नए प्रस्ताव के मुताबिक अब बिना खाता नंबर बदले ग्राहक अपना बैंक बदल सकेंगे। अगर ये प्रस्ताव पास होता है, तो मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के बाद बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी भी संभव हो सकेगी।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा ने बैंकों पर जोर दिया कि वो अपने ग्राहकों को बिना अपना अकाउंट नंबर बदले एक बैंक से दूसरे बैंक में खाता ट्रांसफर की सुविधा दें। उन्होंने यह भी कहा, कि आरबीआई जल्द ही ग्राहकों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ दिशानिर्देश जारी करेगा। ताकि इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले में उनकी देयता को सीमित किया जा सके। मुंद्रा ने बैंकों को सेवाओं पर अधिक शुल्क वसूले जाने का भी विरोध किया।
ये भी कहा डिप्टी गवर्नर ने
डिप्टी गवर्नर ने कहा, कि 'जैसे मोबाइल नंबर पोर्टेबल होते हैं, ऐसे ही बैंक के बीच खाते भी ट्रांसफर हो सकते हैं। दो साल पहले मैने बैंक खाता नंबर की पोर्टेबिलिटी का विचार रखा था। अब यह आधार और आइएमपीएस (इमीडिएट पेमेंट सर्विस) से संभव है। अगर बैंक खाते ट्रांसफर हो जाएंगे तो न बोलने वाले ग्राहक भी चुपचाप अपने बैंकों से निकल जाएंगे। बैंकों को सोचना चाहिए कि पोर्टेबिलिटी का यह सिस्टम कैसे काम करेगा।'
टेक्नोलॉजी का उठाएं फायदा
आरबीआई का कहना है कि हाल के समय में बैंकिंग सिस्टम में लगातार टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है। जिससे इन चीजों में काफी आसानी आई है। यही कारण है कि अब मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह ही बैंक खाता भी पोर्टेबल किया जा सकता है।