नोएडा: फ्लैट खरीददारों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बनाई मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति ने बिल्डरों के खिलाफ नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत ऐसे बिल्डर जो खरीददारों को फ्लैटों पर कब्जा देंगे, सिर्फ वही बिल्डर पॉलिसी सहित अन्य सेवाओं का लाभ ले सकेगा।
हालांकि, समिति ने जीरो पीरियड की मांग को खारिज कर दिया है। सुबह से शुरू हुई मंत्रणा में पहले बायर्स फिर बिल्डर व अंत में प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इस दौरान 30 हजार फ्लैट्स का ब्यौरा बिल्डर द्वारा समिति को सौंपा गया।
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समिति में योगी सरकार के तीन मंत्री
बिल्डर्स बायर्स के बीच चल रहे संघर्ष को विराम देने के लिए मुख्यमंत्री ने तीन मंत्रियों सुरेश खन्ना, सुरेश राणा व औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को लेकर एक समिति बनाई थी। यह समिति गत दो माह से बिल्डर, बायर्स व प्राधिकरण अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। साथ ही समय-समय पर बैठक आयोजित की जाती रही है।
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बिल्डरों की जीरो पीरियड की मांग खारिज
गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें तीनों प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में बिल्डर व प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप काम करे। 12 दिसंबर तक 50 हजार बायर्स के लिए फ्लैटों का इंतजाम करे। उन्हें उनका हक दिलाए। सख्ती बरतते हुए बिल्डर लॉबी को फटकार भी लगाई गई। इस दौरान बिल्डरों के जीरो पीरियड की मांग को खारिज कर दिया गया।
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पहले चरण में मिलेंगे 20 हजार फ्लैट
प्रेस वार्ता के दौरान बताया गया कि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब तक 3,755 बायर्स को फ्लैट मिल चुके हैं, जबकि 30 हजार फ्लैटों का आंकड़ा गुरुवार को बिल्डर द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान सुपरटेक, गुलशन, इन्यूजन होम्स, सन वर्ल्ड, आईटी काउंटी, निराला, गौड संस सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा बिल्डरों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके तहत पहले चरण में कुल 20 हजार फ्लैट आगामी एक से दो माह में बायर्स को मिल जाएंगे, जबकि बाकी के फ्लैट दो माह में मिलेंगे। समिति ने स्पष्ट कहा, कि हम बायर्स की समस्या को लेकर ही यहां आए हैं। इसको लेकर नोएडा व ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण अधिकारी बिल्डर के साथ पहले भी बैठक हो चुकी है।
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10 दिन में सौंपे नगरीय विकास की रिपोर्ट
बैठक के दौरान शहरवासियों को म्यूनिसिपल व यातायात समस्या से निजात दिलाने के लिए दो कमेटी का गठन किया गया। पहली कमेटी म्यूनिसिपल समस्याओं के हल के लिए मेरठ मंडलायुक्त डॉ. प्रभात कुमार व दूसरी पार्किंग व यातायात व्यवस्था को लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन की अगुवाई में बनाई गई है। इन दोनों अधिकारियों को 10 दिन के अंदर व्यवस्थाओं पर की रिपोर्ट देनी होगी।
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आम्रपाली मामले में सरकार स्तर पर वार्ता जारी
एनसीएलटी द्वारा आम्रपाली को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको लेकर बायर्स में हड़कंप मचा है। प्रेस वार्ता के दौरान समिति ने बताया, कि क्रेडाई इस मामले में हस्ताक्षेप कर रही है। वह को डेवलपेर का इंतजाम कर रही है। इसके लिए करीब 200 करोड़ रुपए जमा किए जा रहे हैं। इसको लेकर सरकार के स्तर पर बातचीत का दौर जारी है।