Suprem Court: 10 को रिटायरमेंट, 5 वर्किंग डे, AMU से लेकर मदरसों तक...CJI चंद्रचूड़ इन तीन बड़े मामलों पर सुनाएंगे फैसला!

Suprem Court: इनमें यूपी मदरसा एक्ट, AMU मामला और दिल्ली में पेड़ काटे जाने से संबंधित मामला महत्वपूर्ण है। चीफ जस्टिस का आखिरी वर्किंग डे 8 नवंबर 2024 यानी शुक्रवार है। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। वे रविवार यानी 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे।

Report :  Network
Update:2024-11-03 10:33 IST

CJI DY Chandrachud : Photo- Social Media

Suprem Court: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। अब उनके पास पांच वर्किंग डे बचे हैं और इस दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण फैसलों पर निर्णय सुनाना है। इनमें यूपी मदरसा एक्ट, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मामला और दिल्ली में पेड़ काटे जाने से संबंधित मामला महत्वपूर्ण है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ का आखिरी वर्किंग डे 8 नवंबर 2024 यानी शुक्रवार है। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। वे रविवार यानी 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे।

इन महत्वपूर्ण मामलों में सुनाना है फैसला

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन ऐक्ट को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुनाने वाली है। इस मामले पर चीफ जस्टिस की बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसमें हाईकोर्ट ने यूपी मदरसा एजुकेशन बोर्ड ऐक्ट 2004 को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया था।

क्या होगा एएमयू का दर्जा?

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक के दर्जे का पर भी फैसला लेना है। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात-जजों की संवैधानिक पीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। 1967 में सुप्रीम कोर्ट ने अजीज पाशा केस में दिए फैसले में कहा था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। यह फैसला पांच जजों की बेंच ने सुनाया था। इसके बाद 1981 में संसद में कानून में संशोधन किया गया था और एएमयू ऐक्ट 1920 में बदलाव कर एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा बहाल कर दिया गया। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

इन मामलों में भी देना है फैसला

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के रिज इलाके में पेड़ काटे जाने के मामले की सुनवाई हो रही है। सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने पूछा है कि डीडीए के चेयरमैन और दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना और डीडीए के पूर्व वाइस चेयरमैन बताएं, उन्हें पेड़ काटे जाने की जानकारी कब मिली। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार यानी 5 नवंबर 2024 को होनी है।

यह मामला भी है खास

सीजेआई के पास यह मामला भी काफी महत्वपूर्ण है। जिस शख्स के पास हल्के वाहन (एलएमवी) चलाने का लाइसेंस है क्या वह उसी वजन का ट्रांसपोर्ट वीकल ड्राइव कर सकता है? अब इस सवाल पर चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच को अपना निर्णय सुनाना है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह मामले में सुझाव ले रही है और राज्य सरकारों से इस बारे में बातचीत चल रही है।

इस तरह से देखा जाए तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड को अपने रिटायरमेंट से पहले कई महत्वपूर्ण मामलों पर अपना फैसला सुनाना है।

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