Rich People In India: तेजी से बढ़ रहे अमीर, लेकिन इस साल भारत छोड़ भी देंगे 8 हजार धनकुबेर

Rich People In India: भारत में आगले दस साल में डॉलर के करोड़पतियों और अरबपतियों की संख्या में 80 प्रतिशत की वृद्धि होगी। जबकि अमेरिका में ये वृद्धि सिर्फ 20 फीसदी की होगी।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-06-14 10:39 GMT

अमीरों का भारत से पलायन: Photo - Social Media

Rich People In India: अगले दशक में भारत में करोड़पतियों (millionaires) और अरबपतियों (billionaires) की संख्या में भारी उछाल आएगा, लेकिन भारत छोड़ने वाले धनकुबेर (Dhankuber leaving India) भी कम नहीं होंगे। दुनिया भर में निजी धन और निवेश इमीग्रेशन के ट्रेंड को ट्रैक करने वाली हेनले ग्लोबल सिटीजन्स रिपोर्ट (Henley Global Citizens Report) में हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल की ग्रोथ के आंकड़ों के पूर्वानुमान के अनुसार, भारत में आगले दस साल की अवधि के दौरान डॉलर के करोड़पतियों और अरबपतियों की संख्या में 80 प्रतिशत की वृद्धि होगी। जबकि अमेरिका में ये वृद्धि सिर्फ 20 फीसदी और फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन में 10 प्रतिशत की होगी। यानी सर्वाधिक अमीर भारत में सृजित होंगे (The richest will be created in India)।

हालांकि, इस साल भारत से लगभग 8,000 धनकुबेरों या हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल के बाहर चले जाने का अनुमान है। ये ट्रेंड लगातार बना हुआ है लेकिन तर्क दिया जाता है कि भारत हर साल बाहर चले जाने वालों से कहीं अधिक नए करोड़पति पैदा करता है। इस साल जहां भारत से 8 हजार रईस चले जा सकते हैं, वहीं रूस से 15,000, चीन से 10,000, हांगकांग से 3,000 और यूक्रेन से 2,800 धनकुबेरों के अन्यत्र चले जाने का अनुमान है।

अमीर होने पर लोग बदल लेते हैं ठीकाने

हेनले के अनुसार, विश्व स्तर पर अमीरों द्वारा तेजी से ठिकाने बदले जा रहे हैं। और 2023 में इसका रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। 2013 में, लगभग 51,000 हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल ने अपने मूल देशों को छोड़ दिया था। 2019 में यह आंकड़ा 110,000 तक पहुंच गया। इस साल 88,000 का पूर्वानुमान है और 2023 में एक अपेक्षित रिकॉर्ड संख्या 125,000 तक की है।

न्यू वर्ल्ड वेल्थ के शोध प्रमुख एंड्रयू अमोइल्स (Andrew Amoils) का कहना है कि भारत में संपन्न व्यक्तियों की वापसी का भी चलन है और एक बार जब देश में जीवन स्तर में सुधार होता है, तो अमीर लोगों की बड़ी संख्या में वापस जाने की उम्मीद होती है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए सामान्य धन अनुमान बहुत मजबूत हैं। उम्मीद की जाती है कि 2031 तक धन कुबेरों की संख्या में 80 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो इस अवधि के दौरान भारत को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते धन बाजारों में से एक बना देगी। यह बढ़ोतरी स्थानीय वित्तीय सेवाओं, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में विशेष रूप से मजबूत विकास से प्रेरित होगी।

यूएई बना केंद्र

हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन डैशबोर्ड के पूर्वानुमानों के अनुसार, 2022 में पूरी दुनिया में यूएई सबसे ज्यादा धन कुबेरों को आकर्षित करेगा (UAE to pay the rich)। इस साल यूएई में 4000 धनकुबेरों के बसने की उम्मीद है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में 3,500 और सिंगापुर में 2,800 धनकुबेरों के आकर बसने का अनुमान है।

हेनले के अनुसार ये अनुमान, हेनले एंड पार्टनर्स को निवेश प्रवास विकल्पों के लिए प्राप्त पूछताछ और आवेदनों में दिखाई दिए हैं। हेनले को पूरे एशिया के परिवारों से भी काफी दिलचस्पी मिलने लगी है, जो सिंगापुर या यूएई को अपना स्थापित आधार बनाना चाहते हैं। जो देश संपत्ति संरक्षण के लिए उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा प्रदान कर रहे हैं, उनके लोकप्रिय गंतव्य बने रहने की संभावना है।

2022 की दूसरी तिमाही की रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय निवास और नागरिकता निवेश सलाहकार फर्म हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी की गई है।

भारत के धनकुबेर: Photo - Social Media

खास बातें

- भारत में अगले दशक में धनकुबेरों की संख्या में होगा बड़ा इजाफा

- भारत से 2022 में 8 हजार धनकुबेर कहीं और अपना ठिकाना बना लेंगे

- दुनिया में सबसे ज्यादा आकर्षक ठिकाना बना यूनाइटेड अरब अमीरात

- यूएई की गोल्डन वीसा स्कीम कर रही आकर्षित

- कनाडा भी इस साल करोड़पति प्रवासियों के इमीग्रेशन पाने वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल है। कनाडा को लगभग 1,000 धनकुबेर मिल सकते हैं।

- निजी पूंजी का सर्वाधिक आउटफ्लो रूस और यूक्रेन से हुआ है।

- धनकुबेरों द्वारा अपने देश छोड़ने की रिकार्ड संख्या 2023 में होने का अनुमान।

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