Mohan Bhagwat: बंगाल में भाजपा की राह आसान करेंगे भागवत! 10 दिन के प्रवास का क्या खास मकसद

Mohan Bhagwat: संगठनात्मक विकास, सामुदायिक संपर्क और आरएसएस नेतृत्व तथा स्थानीय हितधारकों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।;

Update:2025-02-06 14:24 IST

Mohan Bhagwat Bengal Prawas (Photo: Social Media)

Mohan Bhagwat Bengal Prawas: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार शाम को पश्चिम बंगाल पहुंचेंगे, जहां वे 10 दिनों की यात्रा पर होंगे। इस दौरान, वे संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे और संगठन के भविष्य की कुछ योजनाओं पर बातचीत करेंगे। नेताओं के अनुसार, पहले पांच दिनों के दौरान भागवत कोलकाता में आरएसएस के नेताओं और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलकर संगठन के ढांचे को मजबूत करने और इसकी कार्यक्षमता को सुनिश्चित करने पर चर्चा करेंगे। 11 फरवरी को भागवत दक्षिण बंगाल के जिलों का दौरा शुरू करने से पहले एक ब्रेक लेंगे।

आरएसएस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार भागवत बर्दवान सहित कई जिलों का दौरा करेंगे। यहां 16 फरवरी को उनकी एक सार्वजनिक रैली आयोजित होने की संभावना है। वे क्षेत्रीय आरएसएस नेताओं, स्थानीय कार्यकर्ताओं और बर्दवान तथा आसपास के क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों से भी मिलेंगे।। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य देशभक्ति, आत्मनिर्भरता, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण और परिवार-उन्मुख प्रथाओं के माध्यम से समाजीकरण जैसे मूल्यों को बढ़ावा देना होगा। इन बैठकों में संगठनात्मक विकास, सामुदायिक संपर्क और आरएसएस नेतृत्व तथा स्थानीय हितधारकों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके पहले केरल में भी इन मुद्दों पर भी बैठक हुई। 

पदाधिकारियों के साथ करेंगे बैठक

आरएसएस महासचिव जिष्णु बसु के अनुसार, भागवत पहले केरल से पश्चिम बंगाल आएंगे। बसु ने बताया कि 7 से 10 फरवरी तक भागवत दक्षिण बंगाल क्षेत्र में आरएसएस पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें पूर्व-पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, कोलकाता और उत्तर-दक्षिण 24 परगना शामिल हैं। 13 फरवरी को वे मध्य बंगाल के क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जिनमें बांकुरा, पुरुलिया, बीरभूम, पूर्व-पश्चिम बर्धमान और नादिया शामिल हैं। यात्रा के एक महत्वपूर्ण हिस्से में 11-12 फरवरी को विचार-मंथन सत्र और 14 फरवरी को मध्य बंगाल में एक नए आरएसएस कार्यालय का उद्घाटन भी होगा।

राजनीति के हिसाब कितना जरूरी

वहीं, बंगाल में आने वाले चुनाव को लेकर किए गए सवालों का जवाब देते हुए बसु ने स्पष्ट किया कि आरएसएस एक राजनीतिक संगठन नहीं है। उन्होंने कहा, "यह यात्रा और संबंधित बैठकें पहले से ही तय की गई थीं और इनका उद्देश्य विशेष रूप से 2026 के राज्य विधानसभा चुनावों को प्रभावित करना नहीं था।" हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की चुनावी रणनीतियों में आरएसएस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और भागवत की यात्रा को आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में देखा जा सकता है। हालांकि ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भागवत का प्रवास बंगाल के चुनाव में भाजपा की राह को आसान बनाएगा। 

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