RSS: संघ प्रमुख भागवत बोले, देश में इस्लाम को खतरा नहीं मगर मुस्लिमों को भी छोड़ना होगा श्रेष्ठता का भाव

RSS Mohan Bhagwat: संघ प्रमुख ने कहा कि देश में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है मगर उनको अपने रवैए में बदलाव लाना होगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-11 12:51 IST

RSS Chief Mohan Bhagwat (photo: social media )

RSS Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत में इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है मगर उन्हें 'हम बड़े हैं' का भाव छोड़ना होगा। संघ के मुखपत्र पांचजन्य और ऑर्गेनाइजर को दिए गए साक्षात्कार में संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने एवं साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज सदियों से विदेशी आक्रमण, प्रभाव और साजिशों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में हिंदू समाज की आक्रामकता जायज और स्वाभाविक है।

मुस्लिमों को बदलनी होगी सोच

संघ प्रमुख ने कहा कि देश में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है मगर उनको अपने रवैए में बदलाव लाना होगा। उन्हें अपने मन से यह बात निकालनी होगी कि हम बड़े हैं और हम एक समय राजा थे। उन्हें अपने मन से यह भाव खत्म करना होगा कि हम फिर से राजा बनें। देश के मुस्लिमों को बड़बोलेपन की मानसिकता से बाहर आना होगा। उन्हें अपने मन से यह भाव खत्म कर देना चाहिए कि हम उस महान जाति से जुड़े हुए हैं जिसने इस देश पर शासन किया है और फिर शासन करेंगे। अपने रास्ते को सही मानना और बाकी सभी को गलत मानना, यह प्रवृत्ति सही नहीं है। उन्हें अपने मन से श्रेष्ठता और वर्चस्व का भाव खत्म करना होगा। साथ ही यह सोच भी बदलनी होगी कि हम एक साथ नहीं रह सकते।

हिंदू समाज का आक्रामक होना स्वाभाविक

भागवत ने कहा कि कट्टर ईसाई और कट्टर मुसलमान कहते हैं कि वे पूरी दुनिया को ईसाई या मुसलमान बना देंगे। उनकी सोच रही है कि दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को या तो उनकी दया पर जीना पड़ेगा या मरना होगा। हमारी यह सोच नहीं है। हमारा मानना है कि जिन्हें अच्छा बनना है वह हमारा अनुसरण करेगा और अगर अनुसरण नहीं करता है तो वह अपनी विचारधारा के लिए स्वतंत्र है। संघ प्रमुख ने कहा कि अब समय काफी बदल चुका है और हमें भी इस बात की चिंता करनी होगी कि कट्टर विचारधारा वाले लोग हमारा कुछ बिगाड़ न सकें।

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के लोग विदेशी आक्रमण और साजिशों के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई लड़ते रहे हैं। यह युद्ध हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है। विदेशी आक्रांताओं के जाने के बाद विदेशी साजिशों के खिलाफ हिंदू समाज जागृत हो चुका है। ऐसे में हिंदू समाज का आक्रामक होना पूरी तरह जायज है और स्वाभाविक है।

दूरगामी सोच के साथ जनसंख्या नीति बने

संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन व्यावहारिक नहीं है। हम पूरी दुनिया में देख सकते हैं कि जहां भी जनसंख्या असंतुलन हुआ है वहां देश टूटा है। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या एक बोझ भी है और एक उपयोगी चीज भी है। इसी कारण मैं पहले से कहता रहा हूं कि जनसंख्या को लेकर एक दूरगामी और गहरी सोच के साथ नीति बनाई जानी चाहिए।

भागवत ने समलैंगिकता को स्वाभाविक बताते हुए पौराणिक उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि राजा जरासंध के दो सेनापतियों हंस और डिंभक के बीच इसी प्रकार का संबंध था। एलजीबीटी समुदाय का समर्थन करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि उनकी निजता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जबसे मानव का अस्तित्व है तब से इस तरह के झुकाव वाले लोग रहे हैं। हमारा मानना है कि ऐसे लोगों को निजता का हक मिलना चाहिए ताकि वे भी यह सोच सकें कि वे भी इसी समाज का हिस्सा हैं।

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