नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस की जांच सीबीआई से ही करने को कहा है। साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि इस मामले में बयानबाजी करने वाले यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान को अपना बचाव खुद करना होगा। बता दें कि आजम खान ने इस मामले में राजनीतिक साजिश का अंदेशा जताया था और उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस सी. नगप्पन ने सीबीआई को ही केस की जांच करने का आदेश देते हए कहा कि आजम का बचाव यूपी सरकार नहीं कर सकती। अदालत ने साफ किया कि राज्य सरकार का जिम्मा नहीं है कि वह मंत्री को खुद के बचाव में मदद करे। बेंच ने हैरत जताई कि किस तरह सरकार का कोई व्यक्ति इस तरह की टिप्पणी कर सकता है। कोर्ट ने साफ कह दिया कि आजम खान को निजी तौर पर केस लड़ना होगा।
सीबीआई को ही जांच सौंपी
यूपी सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस नगप्पन ने कहा कि याचिका दाखिल करने वाले जो मुद्दे उठाए हैं, उन पर बाद में विचार किया जाएगा। बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जांच पर रोक लगाने से संबंधित सबूत गायब हो सकते हैं। साथ ही छह आरोपी वैधानिक जमानत भी मांग सकते हैं। अदालत ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि अगर हाईवे पर पहले हुई घटनाओं को पुलिस ने गंभीरता से लिया होता, तो बुलंदशहर गैंगरेप की शर्मनाक घटना नहीं होती।
कैसे हुई थी वारदात?
पीड़ित परिवार 29 जुलाई को कार से नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था। एनएच 91 पर दोस्तपुर गांव के पास बदमाशों ने रॉड फेंककर कार रोकी। उसके बाद सभी को खेतों में ले गए। वहां लूटपाट करने के बाद महिला और उसकी बड़ी बेटी से गैंगरेप किया गया था। कार में एक अन्य युवती और तीन पुरुष भी थे। इस मामले में यूपी पुलिस ने सलीम बावरिया और उसके गैंग के तीन आरोपियों को पकड़ा है। हालांकि, तीनों का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और वे नारको टेस्ट कराने के लिए भी तैयार हैं।